ख्वाइश ये नहीं वो आए मेरे पास लौटकर !
तमन्ना ये की उसे जाने का मलाल रहे !-
Mohd Abuzar
(Mohd Abuzar)
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मैं उर्दू का मुसाफिर हू ।
वो हिंदी की रानी है ।
ये तो उसके कर्म है ।
जो अल्फाज़ो के ज़ुबन... read more
वो हिंदी की रानी है ।
ये तो उसके कर्म है ।
जो अल्फाज़ो के ज़ुबन... read more
Joined 13 December 2017
26 AUG 2023 AT 1:07
26 AUG 2023 AT 0:55
कलम, सियाही, दवात, बस्ता सब है मगर ।
पन्ना किस्मत का आज भी कोरा है ।-
9 FEB 2022 AT 13:05
लश्कर भी तुम्हारा कानून भी तुम्हारा ।
तुम झूठ को सच लिख दो मजनून भी तुम्हारा ।
खून पसीना ज्यादा नहीं बहने वाला अब ।
जुल्म का दौर बहुत दिन नहीं रहने वाला अब ।
— % &-
12 JUL 2021 AT 3:11
Thoda jaldi ameer karde aye khuda
Ghar ke halaat ab dekhe nahi jaate !-
17 MAY 2021 AT 16:51
दिल लगाना है तो किताबों से लगाओ अबुजर
बेवफ़ा भी निकली तो मुकद्दर सवर जाएगा ..।-
12 MAY 2021 AT 4:20
निगाहे मुंतजिर है फिर फिलिस्तीन की फतह के लिए अब
या रब फिर किसी सलाउद्दीन अय्युबी को भेज दे ..
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12 FEB 2021 AT 0:18
Mohabbat ab haram ho gayi mere liye jahan waalo .
Kisi ko karna hi hai to ab nafrat kro mujhse-