प्रेम को समझने के लिए
पहले हमने प्रेम किया-
शिव ही सत्य है
सत्य ही सती
तुम कहते हो वक्त बर्बाद किया
हमने यू बहवजह इंतजार किया
याद आपको आज फिर यू किया
मेरी अधूरी पंक्तियों को पूरा करना
शुरुआत अपने उसी से किया।
अंत में फिर शुरुआत को याद किया
हमने बहवजह प्यार किया,❣️
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इश्क गुणा है तो गुनहगार हु में
अगर इश्क खुदा है तो वफादार हु में
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सर झुक जाता है बस
अब कुछ न चाहने को जी
चाहता है बस।।
न रुकूं न चलू बस
क्या मंदिर क्या मस्जिद
हर तरफ तू ही तू नजर आता है बस
अब सर झुक जाता है बस।।-
What stage would you call
When we start hiding emotions
With our parents and even friends-