कभी जो भूलना चाहू, न जाने क्यों मेरे दिलबर... मुझे तुम याद आते हो...कभी सावन के मौसम में, अगर गाये कहीं कोयल किसी मेहंदी की टहनी पर न जाने क्यों मेरे दिलबर मुझे तुम याद आते हो... -
कभी जो भूलना चाहू, न जाने क्यों मेरे दिलबर... मुझे तुम याद आते हो...कभी सावन के मौसम में, अगर गाये कहीं कोयल किसी मेहंदी की टहनी पर न जाने क्यों मेरे दिलबर मुझे तुम याद आते हो...
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रफ्ता रफ्ता वो मेरे हसने का सामा हो गए -
रफ्ता रफ्ता वो मेरे हसने का सामा हो गए
अब देख के जी घबराता है,सावन की सुहानी रातो को... -
अब देख के जी घबराता है,सावन की सुहानी रातो को...
बहुत दिनों बाद एक उम्दा रचना देखी है, जो बहुत ही अच्छी है -
बहुत दिनों बाद एक उम्दा रचना देखी है, जो बहुत ही अच्छी है
Sirf bura maanna hi aata h,Kabhi kahna bhi maan liya kro. -
Sirf bura maanna hi aata h,Kabhi kahna bhi maan liya kro.
Maine apne aap se tumhare liye haa kaha tha,Jab tumne pahli baar meri maa ko Maa kaha tha. -
Maine apne aap se tumhare liye haa kaha tha,Jab tumne pahli baar meri maa ko Maa kaha tha.
कह के भी अपने न हुए तो ??? -
कह के भी अपने न हुए तो ???
*उम्मीद है तो हम है...* *और जब तक हम है, तब तक उम्मीद कायम है!* -
*उम्मीद है तो हम है...* *और जब तक हम है, तब तक उम्मीद कायम है!*
*“ज्ञानी हो फिर भी न कर...* *दुर्जन संग निवास**सर्प सर्प है, भले ही... मणि हो उसके पास ।* -
*“ज्ञानी हो फिर भी न कर...* *दुर्जन संग निवास**सर्प सर्प है, भले ही... मणि हो उसके पास ।*
ऐ नींदतू थोड़ा ठहर -
ऐ नींदतू थोड़ा ठहर