Mohammad Azharuddin   (AZहर)
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Joined 28 May 2019


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Joined 28 May 2019
3 NOV 2021 AT 22:35

जब रिश्तों के इस सौदे में उसे मुनाफा कम लगने लगा,
मुझसे बात करना भी अब उसे उलझन सा लगने लगा,
एक वक्त ये आया की उसने कह दिया के नफरत हैं तुमसे,
तब मैं अपनी तसल्ली से अपने इरादे को महफूज रखने लगा।

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3 NOV 2021 AT 22:32

साथ रहने के सौदे में खुशियां दांव पे लगी होगी,
फैसला तो ये किया था, खुशी रहे या गम हम संभाल लेंगे।

जब बातें बिगड़ी होंगी और खुन्नस सर पे छाई होगी,
और तुम्हे पता हो के अब लड़ाई होगी, हम संभाल लेंगे।

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3 NOV 2021 AT 22:17

खुद को गिरा के रिश्ता बचा रहे थे हम,
मोहब्बत उसे भी हैं, खुद को बता रहे थे हम।
कुछ खास जरूरत नहीं थी उसको मेरी,
लेकिन बिन बुलाए ही वापस जा रहे थे हम।
आज जिक्र हुआ तो किस्सा सुना रहे थे हम,
और उस किस्से में भी उनको अपना बता रहे थे हम।
अपने लफ्जो से हर वक्त प्यार जता रहे थे हम,
खुद रूठ के, टूट के, छूट के भी उसे मना रहे थे हम।

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3 NOV 2021 AT 22:07

छोड़ जाने की वजह बताए, या साथ के उसको कज़ा बताए,
उसपे लिखी नज्म सुनाए, या उसकी झूठी कसम गिनाए,
उससे सीखा तुम्हे बताए? आओ बात घुमाना तुम्हे सिखाए,
काफी हैं इतना या और सुनाए, या आंखो से अब आंसू गिराए।

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3 NOV 2021 AT 22:07

छोड़ जाने की वजह बताए, या साथ के उसको कज़ा बताए,
उसपे लिखी नज्म सुनाए, या उसकी झूठी कसम गिनाए,
उससे सीखा तुम्हे बताए? आओ बात घुमाना तुम्हे सिखाए,
काफी हैं इतना या और सुनाए, या आंखो से अब आंसू गिराए।

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3 NOV 2021 AT 21:52

रिवायत है, अपने जख्म सबको गहरे लगते हैं,
मेरे सुनने वाले आज मुझी को बहरे लगते हैं।

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31 AUG 2021 AT 1:36

सोचता हु के गुम हो जाऊं इस दुनिया से अब कहीं,
डर इस बात का हैं के ढूंढने वाला भी कोई अब नहीं।

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7 JUL 2021 AT 20:17

My father is the one who taught me the value of saving. "The savings are those remaining money that I have after spending on the things that makes me happy."

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4 JUL 2021 AT 20:34

एक वक्त बहुत भीड़ थी जिंदगी में दोस्तो की,
बस मतलब निकलता गया, और मतलबी भी।

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8 JUN 2021 AT 23:15

तड़प ऐ दिल तड़पने से, ज़रा आराम आता है
की लब पर हर तड़प के साथ, उनका नाम आता हैं,
जिसे सुन कर मेरी दुनिया ख़ुशी से झूम उठती थी,
न वो आवाज़ आती है न उनका पैगाम आता है।

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