Mohammad Arif Chaudhary  
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Joined 4 September 2020


Joined 4 September 2020
16 SEP 2021 AT 8:08

वादों के बोझ को तू क्यों सर पे ढो रहा है?
अब किसको याद करके तू ऐसे रो रहा है।
अब हो गई है देर और, कोई लाभ न बचा,
कोई फिक्र ही नही है वो अब भी सो रहा है।

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11 SEP 2021 AT 0:35

मिजाज़ इसके इश्क़ का बड़ा निराला है,
ये दिखता गोरा है पर अंदर से बड़ा काला है।
इसको यूँ ही आशिक़ नहीं कहते हैं जनाब,
इसने कई हसीनो के दिल में डाका डाला है।
मोहम्मद आरिफ "जानसी"

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23 DEC 2020 AT 11:27

अरे आज भी जमाना, वो याद आ रहा है,
लगता है जैसे आरिफ, स्कूल जा रहा है।
पन्ने वो कॉपियों के, न जाने कहाँ गए?
होमवर्क का चैक होना, मुझको सता रहा है

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23 DEC 2020 AT 11:11

अब दिल की तन्हाई को, महसूस कर लिया है,
जो लिखा नही था कागज़ पे, वो भी पढ़ लिया है।
मुश्किल थे तब हालात जो, वो आज भी तो हैं,
फिर भी सनम को देखकर बाहों में भर लिया है।
मोहम्मद आरिफ "जानसी"

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26 SEP 2020 AT 10:38

जैसे जड़ और तना

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26 SEP 2020 AT 10:37

जीतने के लिये अंत तक लड़ना होगा ,
चाहे पब जी हो या ज़िंदगी हो।

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26 SEP 2020 AT 8:49

ज़िंदगी ये तो बता, वो अलग हुए तो मेरी क्या खता थी?
मैं तो जैसा था वैसा ही रहूंगा, ये बात तो उनको पता थी।

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26 SEP 2020 AT 8:48

इन बेवफाओ के लिए क्यों,तू खुद को बरबाद करता है?
वो तुझे याद करते नहीं, तो तू क्यों उनको याद करता है।

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26 SEP 2020 AT 8:46

अपनो ने ही दिये हैं यारों ज़ख्म हज़ार,
चुपके से कर दिए हैं खंज़र से मुझपे वार।

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25 SEP 2020 AT 21:46

अपनी वाणी को मीठा, बनाकर तो देख, जो लोग खिंचे न चले आये, तो कहना।
लोगो पर अपना प्यार बरसा कर तो देख, वही तुझपे फूल न बरसाये, तो कहना।

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