ये जालिम जमाना है दोस्त ,,,,,
यहाँ पलकों पे बिठाते है नज़रो से गिराने के लिए ,,,,:;-
आस्तिक हूँ ... कभी नास्तिक हूँ ,
पर ...
मैं जितना भी हूँ ... वास्तविक हूँ ...-
दोस्त आए थे कबर पे दिया जलाने के लिये,,,
रखा हुआ फुल भी ले गये कमीने वॅलेंटाईन डे मनानेके लिये...-
सब कुछ हासिल नहीं होता जिन्दगी में यहाँ.... किसी का "काश" तो किसी का "अगर" छूट ही जाता है!!!!!
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हवा से कह दो कि खुद को आजमा के दिखाये,
बहुत चिराग बुझाती है, एक जला के तो दिखाये..-
મૌન શબ્દોમાં એ પૂરી શકે છે પ્રાણ....
તોય લોકો કહે છે એની આંખો છે બાણ...!
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ज़माना जब भी मुझे मुश्किल मे डाल देता है,
मेरा ख़ुदा हज़ार रास्ते निकाल देता है.
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जमाना आज भी उसकी मिसाल देता है,
नेकिया कर के जो दरिया में डाल देता है
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अपनी भूख का इलज़ाम उस खुदा को ना दे,
वो माँ के पेट में भी बच्चे को पाल देता है..।-
झूठ कहते हैं लोग कि संगत का हो जाता है असर, ......
काँटों को तो आज तक महकने का सलीका नहीं आया....-
बड़ी हसरत से सर पटक पटक के गुजर गई, कल शाम मेरे शहर से आंधी ।।।।।
वो पेड़ आज भी मुस्कुरा रहें हैं, जिन्हें हुनर था थोडा झुक जाने का ।।।।।-