21 SEP 2018 AT 10:39


नियत ही नियति है...
नियत स्वच्छ है, तो जीवन अमृत बन जाता है
और नियत में खोट है, तो जीवन ज़हर...
नियत पवित्र रखे
जीवन खुद ही स्वर्ग बन जायेगा,,,
नियति हम खुद लिखते है
जिसके लिए कलम की नही, नियत की आवश्यकता है.. जैसी नियत वैसी ही नियति....

- मंतेग चहल