अगर रख सको तो एक निशानी हूं मैं
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं,
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वो एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं......
सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,
जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,,, "
अगर रख सको तो निशानी,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं-
यह तो पल दो पल की दूरी है
ना समझो मेरी विदाई है...
इस मन से जुड़ा हुआ हूँ तुमसे
ये तो बस ज़हनी जुदाई है,
मन की मानू ,तो कहता है कि तुम बस यहीं रुक जाओ...
ज़हन की मानू, तो कहता हु तुम आगे बढ़ जाओ...
चलना तो प्रथा है इस चलायमान जीवन की
और मैंने तो जीवन की प्रथा निभाई है,
ये आँखें देख रही हैं तुमको,
इसमें बस गए तुम सब
तुम सब मुझमें समाहित हो,
अलग हो मुझ से तुम कब ? नेत्र मेरे बड़े अश्रुपूर्ण हैं और मन में भार भरा पड़ा है
कैसे विलग होऊंगा तुमसे, मन देता नहीं गवाही है,
यादें तो बनती ही हैं ऐसे ही अलग होने से मेरे बच्चो
और मेरी इन यादों में तुम सबकी ही आभा समाई है |
मेरे प्यारे बच्चों को समर्पित.....-
कहीं पर भी रहें हम- तुम, मुहब्बत फिर मुहब्बत है
तुम्हें हम याद आयेंगे, हमें तुम याद आओगे..
मैं उतना याद आऊँगा, मुझे जितना भुलाओगे....-
हर कामयाबी पर आपका नाम हो
आपके हर कदम पर दुनिया का सलाम हो
मुश्किलें का सामना करना हिम्मत से
एकदिन वक्त भी आपका गुलाम होगा
All the best for exams-
कहीं कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है
तुमको भूल न पाएंगे हम,ऐसा लगता है...
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वापस ले आया डाकिया मेरी
चिठ्ठी,
बोला पता तो सही था पर लोग
बदल गए हैं..!!-
पाँवों में यदि जान हो तो,
मंजिल हम से दूर नहीं है।
आँखों में यदि पहचान हो तो,
इंसान हम से दूर नहीं है।
दिल में यदि स्थान हो तो,
अपने हम से दूर नहीं है।
भावना में यदि जान हो तो,
भगवान हम से दूर नहीं है।-
मैंने तो चुन ली है वह राह,
जहाँ बहुत कम ही चला करते हैं।
लोग चलते हैं, उस राह पर,
जहाँ दुनियाँ की चका चौंध है,
हम तो चलते हैं उस राह पर,
जहाँ मिट्टी के दिए जला करते हैं ।।-
वक़्त की नज़ाकत समझी तो जाना
समय सबसे बड़ा बलवान,
जीवन की राहों में वक़्त के आगे
घुटने टेकते देखे हमने विद्वान ।
जिसने समय की कद्र की उसने
फिर अपना जीवन बना लिया,
बीता समय लौटकर नहीं आता मुर्ख
वक़्त की कीमत पहचान ।
निराशा को छोड़ के उम्मीद का दामन थाम बढ़ता चल राहों में, ख़्वाब जरूर पूरे होते हैं तू भी ईमानदारी से मेहनत करना जान।
ये सुख-दुःख आते-जाते रहते हैं इनसे कभी विचलित ना होना, याद रख कि दर्द सहन किए बिना ना बन सका है कोई महान ।
वक़्त की नज़ाकत ने ख़ामोश रहकर जीना सिखाया है वक़्त से क़दम मिला के चल फिर तुझे भी मिलेगा मान सम्मान।-
राहों में हर मुश्किल का सामना कर खुद को संवारता हूँ.
मैं हरदम जमी से जुड़े रहकर ही अपना आसमां ढूंढता हूँ।
जब गौर से देखूं मुझे औरों में खूबियाँ ही नजर आतीहै,
और बेहतर बनने के लिए मै खुद में ही कमियाँ खोजता हूँ।
गर ये जीवन इंसानियत के काम आ सकें तो क्या बात हो, मैं तो ख़ुदा से मुझसे जुड़े हर व्यक्ति की खुशियाँ माँगता हूँ।
जो भी जितना भी मुझे दिया है जीवन में ख़ुदा का शुक्रिया, लाख तकलीफें मिलें पर मैं हक़ीक़त से दूर नहीं भागता हूँ।
मेहनत के दम पर मुकाम बनाना है मुझे जीवन में "मुट्ठी भर ख्वाहिश लिए अपनी जमीं अपना आसमां ढूँढता हूँ।-