मेरा अच्छा वक्त भी मेरी बर्बादी की पहचान हो गया
जब उसका बात करना भी, मुझपे किया एहसान हो गया!-
Mk Beniwal
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कुछ अपने विचार लिखता हू ,कुछ उसकी खूबसूरती।
कभी-कभी तो शब्द फीके पड़ जाते है, उसकी मिठास ल... read more
कभी-कभी तो शब्द फीके पड़ जाते है, उसकी मिठास ल... read more
Joined 7 September 2017
10 OCT 2024 AT 20:44
10 OCT 2024 AT 20:41
मेरा अच्छा वक्त भी मेरी बर्बादी की पहचान हो गया
जब उसका बात करना भी, मुझपे किया एहसान हो गया!-
26 SEP 2024 AT 20:26
सुखना झील जैसी आँखें उसकी,
मैं अपलक बैठे निहारता उनको।
ख़्वाब लगे किसी गहरी निंद्रा का,
हक़ीक़त में भी छूना उसको।
उसकी मौजूदगी में सुकून है,
और ना होने पर गम।
उसके दिल में एक घर भी है,
पर अब वहाँ रहते नहीं हम।
खैर ये सब पुराने किस्से हैं ,
अब उसके ख़्वाब किसी और के हिस्से हैं।
उसपर लिखना अब भी बंद नहीं हुआ,
भला शायरियों से कौन आबाद हुआ है।
मिर्ज़ा ग़ालिब, जॉन एलिया, ये सब पुरानी बातें हैं,
ये बैनिवाल कौन नया बर्बाद हुआ है?-
27 OCT 2020 AT 18:35
यहां गुरूर है गुरु में
और चालाक समझे चेला खुद को
खास बंदा निकले नकली
तुम किस वहम में हो ?-
22 OCT 2020 AT 10:19
तेरा मेरा ये मिलन जैसे चांद-रात का
अमावस को हो जाता बुरा हाल यार का!-
15 OCT 2020 AT 23:41
कागज के टुकड़े समझ जलाये खत मेरे
उसे क्या पता था, राख जज़्बात हुए थे!-