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Joined 12 November 2018


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22 NOV 2018 AT 18:18

सुना है शाम आई है शमा की याद लाई है!
हां मैं लौट आऊंगी ,कसम उसने उठाई है|

कहा बरसात लाएगी मेरे संग भीग जाएगी!
न तो स्वयं ही आई, न बरसात लाई है|

परिंदे लौट आये हैं बढ़ रहे शाम के साये!
द्वार भी खोल आये हम,काश इस राह से वो आये|

शाम वो याद है अब भी, वो दिल मे जब समाई थी!
मेघ ऐसे ही थे छाये, कुछ बारिश भी आई थी|

शाम ये फिर से आ करके, शाम की याद लाई है!
हसीं वो शाम थी ऐसी,कभी न भूल पाई है|

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5 APR 2020 AT 13:03

दिलचस्प है दिल का सफर,करके सफर तो देखिए
मुझ पर ये कितना हो रहा, अपना असर तो देखिए
~मित्ता ©

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4 APR 2020 AT 10:58

फिर आंसुओं की बूँद छलकी,फिर माँ ने पूछा क्या हुआ
फिर वही, गया आँख में कुछ, झूठ बताकर सो गए

काश! शब के बाद उस, फिर कोई सहर आती नहीं
शब वही, सब कुछ जिसमें, तुम पर लुटाकर सो गए

~ मित्ता ©

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17 DEC 2019 AT 10:29

गर अपनी खैर चाहते हो तो ये इंतजाम रखना
सल्तनत जिसकी हो उससे दुआ सलाम रखना
~मित्ता©

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11 SEP 2019 AT 16:19

तश्वीरें नहीं है तेरी मेरी ये अच्छा ही तो है
सोचो होती गर कोई आज जल गई होती

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17 JUL 2019 AT 16:09

कोई पत्थर बन बैठा है कोई मोम समान कोमल मन का
कोई खूबसूरत है अंदर से तो कोई सुंदर बस नश्वर तन का

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15 JUL 2019 AT 19:45

थोड़ा उनके पास गया मैं और थोड़ा वो भी आये थे
आंखों में आंखें मिलाई थी और दोनों ही शरमाये थे
कुछ वक्त बिताया साथ बैठ और चलने की जब बात हुई
बादल की शरारत तो देखी बिन मौसम फिर बरसात हुई

बारिश की बूंदों ने उनको लाके इतना था नजदीक किया
साँसो से साँसे टकराई थी धड़कन को भी महसूस किया
अहसास हुआ एक प्यारा सा फिर एक नई शुरुवात हुई
ये लम्हें उस रोज के हैं जब पहली पहली मुलाकात हुई

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14 JUL 2019 AT 5:52

क्या बात है तुम भी घड़ी पहनने लगे हो
अरे बता भी दो किससे मिलने लगे हो
उम्मीद लगाए हो दुपट्टा फसने की तुम
इश्क़ में हो या समय से चलने लगे हो

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13 JUL 2019 AT 20:42

हम भी बोलते थे महफ़िल में सबसे हसकर
कोई शख्स शायद मुझको खामोश कर गया है

आया था जो तेरे लिये अपने ही घर को छोड़कर
महरबानी है आपकी,वो आज फिर घर गया है

वो लौटे जो कभी भी,यहां अब मेरी तलाश में
मेरे साथियों कह देना,वो तो कबका मर गया है

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13 JUL 2019 AT 16:42

बड़ा किफायती हो गया है ये लफ्जों का कारोबार भी
दो शब्द कागज पर लिखने को यादें बेशुमार लगती हैं

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