Hello
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સાંજ પડે ને રાત ની પાંપણ ભીંજાય છે,
કોની ગેરહાજરી માં એ ચાંદ કરમાય છે.
शाम होते ही भीग जाती है पलकें रातों की,
किसके हिज्र में हरपल चाँद मुरझाता रहा..-
चाँद की रोशनी में लोग इश्क़ का मकबरा देखते हैं,
जहाँ मुफ्ल़िसी की कब्रों पर मीनारें खड़ी हैं।-
मेरे followers list में बहुत सारे followers कबाड़ में रखें उस भंगार की तरह है जिनको आज तक संजोए रखा है यह सोच कर की कभी काम आयेगें लेकिन कभी काम नहीं आते। पता नहीं क्यों मुझे फालतू में follow कर रखा है जबकी कभी हमें पढते ही नहीं। 😁😁😁सोच रही हूँ बिना काम की चीजों को निकाल बाहर करूं। सफाई अभियान शुरू कर ने का मन बना लिया है। 😁😁😁😁😁😊😊
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तुझसे जुदा होना यूँ तो आसान ही तो था,
मुश्किल बस इतनी थी झगड़ा ख़ुद से था।-
मैनें कभी प्रेम
नहीं किया
बस जीया हैं
मेरी कलम से
हर उस प्रेमी
के
अधुरे
अहसासों को छुकर
जो कभी
कहे ना गयें
वहीं तो
है
मेरी कविताएँ...
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हर रोज़ संवरती है रात मेरे आइने में,
आसमान का वो चाँद कितना तन्हा होगा..!!-
मुंतज़िर है निगाहें क्यों 'सहर' किस के लिए,
बदलते रहे हर रास्ते हम सारी उम्रभर के लिए।
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कर लेती हूँ तसल्ली हर रोज़ खुद के ज़िंदा होने की,
खुद से ही बिछड़े हुए आज एक जमाना हो गया।-