Mitranjan Kumar Kushwaha   (@Mit(मित))
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Joined 12 May 2019


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4 FEB 2022 AT 0:32

दूर का रिश्ता को दूर ही रहने दो
कोई ग़म नहीं!
अपना बना कर,पराया न करना...!!

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4 FEB 2022 AT 0:11

तुम खुश हो तो
मैं पराया भी हूं तो
खुश हूं...!!

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24 JAN 2022 AT 6:22

बहुत सता रही है।
अंदर खालीपन सा हो गया
दिल,दिमाग में द्वंद चल रहा है
करे तो क्या करें...?

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1 JAN 2022 AT 20:52

आप सभी को नव वर्ष
की हार्दिक शुभकामनाएं
💐💐💐😊😊😊

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13 DEC 2021 AT 19:06

समंदर

तूफानों से कैसे लड़ते हो ?
मैं तूफानों से लड़ता नहीं हूं।
तूफानों को प्यार से गले लगाता हूं....
👇👇👇

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13 DEC 2021 AT 16:00

तुम ठहरे हुए पानी हो?
मुझे ऐसे न आकों
सुनो ठहरे हुए पानी गहरे भी होते हैं।
कभी ठहरे हुए पानी में उतर कर तो देखो अंदाजा लग जाएगा।

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25 NOV 2021 AT 3:40

तुम से तो कहना बहुत कुछ था?
पर तुम्हारी आवाज सुन कर
मेरे मन एक उमग की लहर दौड़ गई
फिर क्या बोलूं समझ ही नहीं आ रहा था।

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25 NOV 2021 AT 3:31

मै पूरी तरह से टूट चुका हूं
फिर भी हरा नहीं हूं ख़ुद से,

जीने की कोशिश कर रहा हूं
क्यों की बहुतो की आशा है हम से

भले तुम्हें हम पर विश्वास नहीं था?
पर हमें तुम से अटूट प्रेम,विश्वास था...!

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25 NOV 2021 AT 3:26

तुम कितना याद अती हो
अगर मै बोलू तो कई दिन लगेंगे

पर इतना समझ लेना
यदि किताब को याद किया रहता
तो नौकरी पकी लग गई होती।

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25 NOV 2021 AT 3:16

तुम कितना याद आती हो?
कैसे बताऊं
तुम्हारा ख्याल आते ही
मैं स्तब्ध हो जाता हू
मेरे पास शब्द नहीं होते है
सिर्फ आंसू बहते है...
यदि मै बेड पर रहता हूं तो
तकिया आंसू से सारा बोर हो
जाता है।
कोई देख न ले रोते नजर बचाने में
कमरे का बल्लब देख कर
राते गुजर जाती है...!!












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