खाना है तो काजू बादाम खाओ,
गुटखा खाने में क्या रख्खा है।
बनाना है तो स्वच्छ भारत बनाओ।
गंदगी फैलाने में क्या रख्खा है।
♥️राइटर एंड टीचर♥️
...✍️अफजल मंसूरी— % &-
✔Time pass hme aata nhi.
Jo dilme bus jaye wo jata nhi.
✔Pr... read more
बुरों में नहीं नाम अच्छों में शुमार होना चाहिये।
आप आओ लोग बैठे न रहे ऐसा मुकाम चाहिये।-
मुश्किलों का सामना बस हिम्मत से करना।
मुश्किल घुटने न टेक दे तो मेरा नाम बदलना।
♥️राइटर एंड टीचर♥️
🥀अफजल मंसूरी🥀-
जब से ये कोरोना आया है,
हर जगह तबाही का साया है।
जिंदगी का किया सफाया है।
पढ़ाई पर खतरा मंडराया है।
शिक्षा हो रही है ऑनलाइन।
सभाएं की जा रही है ऑफलाइन।
धड़कने हो रही है एकलाइन।
लिखकर रखलो मेरा साइन।
पढ़ाई से जितना दूर जाओगे।
तरक्की में उतनी बाधाएं लाओगे।
पढ़े लिखे अनपढ़ कहलाओगे।
अंत समय जाकर पछताओगे।
🥀राइटर एंड टीचर🥀
♥️अफजल मंसूरी♥️-
दर्द सबको होता है पर,
दर्द सबका एकसा नहीं होता है।
किसी को दर्द है प्रेम का।
किसी को दर्द काम का।
दर्द है किसी को पढ़ाई का।
कही दर्द है किसीको लड़ाई का।
कही पर दर्द है नफरत भाई -भाई का।
चारों तरफ तो दर्द है,अब आपको बताएँ का।
मिटा दो इस दर्द को,प्रेम से जिया करो।
कल की चिंता छोड़ आज में जिया करो।
......✍️अफजल मंसूरी
🥀♥️राइटर एंड टीचर♥️🥀-
सर झुकाने से सजदे, कुबूल नही होते।
जिन्दगी के हर लम्हे,सुकून भरे नहीं होते।
यूं तो सब अपने को ,अपना दिखाते है।
पर हर अपना दिखने वाले,अपने नही होते।
कुछ बाहर से सख्त नजर आते हैं।
पर हकीकत में वह सख्त नहीं होते।
कहने को तो कैलेंडर बदल गया हैं।
काश की गलत सोच के लोग बदल गए होते।
🥀राइटर एंड टीचर🥀
....✍️अफ़ज़ल मंसूरी-
2 और 2 मिलाकर हुआ है 22(बाईस)।
सब मिलजुलकर रहे, यही हैं ख्वाहिश।
नए साल का नया हो सबका नजरिया।
जो बीत गया उसे भूल तो जा बाबरिया।
मुबारक हो नए साल का नया आगाज।
शुरूं होने जा रहा है ,अब 2022 आज।
चार चांद लगें उसमें,जिसका जो हो काज।
न रहे कोई गुस्सा,न होना अब नाराज।
♥️मिलकर करें-2022 का वेलकम आज।♥️
🥀🥀राइटर एंड टीचर🥀
......✍️अफजल मंसूरी-
♥️साल का आखिरी दिन हो मुबारक♥️
साल जैसा भी था, अब तो वो जाने वाला है।
जाते हुए साल का आखरी दिन हो मुबारक।
जाते-जाते ये साल हमसे बहुत कुछ ले गया।
आने वाली खुशियों का हो हसीं कल मुबारक।
जो नाराज है हमसे,जो कुछ भी है दिल में।
निकल जाए नाराजगी,आजका दिन हो मुबारक।
गम की ना रात हो,न गम हो कोई दिन।
खुशियों से भरा , हर पल हो मुबारक।
🥀राइटर एंड टीचर🥀
...✍️अफ़ज़ल मंसूरी-
🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️विचार🅰️🅰️🅰️🅰️🅰️
🥀सुविचार पढ़ने से नहीं,अमल करने से फायदा है🥀
अच्छे रिश्तों को बनाये रखने के लिए वादों और शर्तों की जरूरत नहीं होती।
बस दो लोग चाहिए-
1- निभाने वाला
और
2- समझने वाला
♥️♥️♥️♥️♥️
राइटर एंड टीचर
अफजल मंसूरी-
🥀🥀🥀🥀हम लड़के है साहब,🥀🥀🥀🥀
माँ के सपने बुनते है, बाप के हाथ की लाठी बनते है।
किस्मत की ठोकरों से हम अपनी किस्मत बदलते है।
जो लकीर हमारे हाथ मे होगी भी नहीं।
उस लकीर के लिए हम अपनी जिंदगी बदलते है।
हम भी लड़के है साहब कहाँ आसानी से मिलते है...
बन बहन का रक्षा कवच,जब घर से निकलते है।
देखकर दुश्मन भी फिर हमसे डरते है।
बनकर दोस्त का साया ,दुनियां में मिलते है।
लड़की होती है किस्मत से,तो नसीब से हम भी मिलते है।
हम लड़के है साहब कहाँ आसानी से मिलते है..
किसीको आसानी से ,किसी को दुआओं से मिलते है।
किसी की नफरतों को ,भी हम प्यार करते है।
गर्व से सीना तान कर हम भी चलते है।
कुछ लोगों के कारण लगा है दाग लड़को पर, वरना
हम लड़के है साहब कहाँ आसानी से मिलते है..
♥️राइटर एंड टीचर♥️
...✍️अफजल मंसूरी-