खुदा तेरे ज़िक्र से पहले भी
किसी का नाम आता है
जब बात जन्नत की आती है
तो सबसे पहला ख्याल मुझे
मेरे माता पिता का आता है
दुनिया की हर दौलत इनसे छोटी है
और कुछ भी नही पास मेरे
बस मेरे माता पिता ही
मेरे जीवन की समस्त पूंजी है
तुझसे ज़्यादा कुछ नही पर
इन्हें सदैव सलामत रखना
क्योकि यही वो लोग है
जो खो जाने पर दोबारा
कभी नही मिलते
माता पिता सच मे बहुत ही
नसीब से मिलते है….-
I know you truly loves and cares about me
I'm not saying but said your eyes-
Looking for your mental peace
In materialistic things is like
Curing a disease with wrong medicines-
Whatever the situation is
Though How tough face of your life is going on
But a life without ambitions and aims isn't a life
Just because you're going through a breakdown you can't give up always set such goals that are out of your reach , just by your passion you can achieve anything that is beyond your limits…
You ain't alone but self-made instead
Moral of the story is never let your passion die-
माँ ने अपने हाथ से बने लड्डू भेजे थे
ये खा कर मेरे यार ने कहा कि
एक तो दुश्मन पहले से ही परेशान था
की हम किस चक्की का आटा खाते है
उसपर अब तो माँ के हाथ के लड्डू भी खा लिए
न जाने दुश्मन अब तेरा क्या हाल होगा-
I do not have time to judge other people because I'm busy in loving myself
-
मुझे तुझसे हर बार
और भी ज़्यादा इश्क़ हो जाता है
तुझे यू ऊँचा लरहरता देख
मेरा सीना गर्व से बहुत चौड़ा हो जाता है
खून तो दौड़ रहा है रगो में मेरी
पर तुझपे कुर्बान होनेसे
मेरे खून का मान बढ़ जाता है
दुआ करता हूँ मैं
की खुदा की इनायत हो जाये
और तेरी सेवा में काम आऊं
ऐसा मुकाम किस्मत में हम भी पाए
जय हिंद
72वें गणतंत्र दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएं-
हौसले यूँ हारा नही करते
चेहरे मायूस बनाया नही करते
ज़िन्दगी हसीन बहुत है
उसे ज़ालिम कहा नही करते
ज़िन्दगी तुम्हारे मजे ले रही
तुम दो पटकनी अपने दर्द को
तुम ठीक जल्दी करलो खुदको
क्योकि ज़िन्दगी के तुम्हे अभी
बहुत मज़े लेने बाकीं हैं…
खेलते खेलते गिरना आम बात है
पर गिर कर फिर उठना बड़ी बात है
ज़िद्द को पकड़े रखो
हार को हार खुदसे माननी पड़े
तुम खुद में एक ऐसी जीत हो
ये बात दिमाग मे फिट रखना
क्योकि तुम खिलाड़ी बेहतरीन हो
Get well soon bro…-
बचपन मे जो खाई थी मिट्टी,जिस मिट्टी से देह बनी है
बस वो मिट्टी ही मुझे आज पुकारती है
ये तन पे सिर्फ वर्दी नही,ये तो मेरी हमसफर बनी है
जो इश्क़ के खातिर तेरे आज यहाँ हूं,तो मुझे अपनी हर सांस तेरे नाम करनी है
ज़िन्दगी सौंप दूंगा तुझे मैं,हर लहू की बूंद तेरे खातिर कुर्बान करनी है
जो मिट्टी खाई थी बचपन मे,बस उसही मिट्टी की खातिर
तुझपे माँ अपनी जान कुर्बान करनी है।
ज़िन्दगी गवाने का और मौत को गले लगाने का, मुझे कभी इसका डर नही,
बहता है जो धमनियों में मेरी,
वो सिर्फ खून नही है,माँ वह तेरा ही इश्क़ है तेरा ही रंग है।
तेरी सेवा करने का ये सिर्फ एक जुनून नही है, सौभाग्य पाया है मैने की
तेरे नाम की वर्दी तन पे सजी है
इस मिट्टी का लाल हूँ मै, ऐसे ही नही दुश्मनो की छाती लहूलुहान हुई है।
जो मिट्टी खाई थी बचपन मे,बस उस मिट्टी के खातिर
जिस मिट्टी में पला बड़ा हूँ,मैं अपनी मातृभूमि के खातिर
बस माँ उसही मिट्टी के खातिर-आज मैं वर्दी में सजा खड़ा हूँ,
हाथो में बंदूक लिए खड़ा हूँ,
हे माँ भारती बस तेरे इस प्रेम के खातिर, तेरे हर एहसान को अपने सर का ताज बना कर,
मैं तेरा लाल अपनी ज़िंदगी तेरे नाम कर चला हूँ
माँ बन कर अंतिम बार भी सिर्फ
तुम ही मेरी अस्थियो का स्वीकार करोगी
हे माँ ज़िन्दगी तेरे नाम करते करते,अब मुझे ज़िन्दगी छोड़ चली है
हाँ बस उस ही मिट्टी के खातिर
आज ये देह मेरी तिरंगे का कफ़न ओढ़े पड़ी है-