अपनो का मरना देखा
मौसमों का गुजरना देखा
तारो का टिमटिमाना देखा
सपनों को बुनते देखा
उन्हीं सपनों को टूटते देखा
तेरा आना देखा
आ के जाना देखा-
बेटा हमारा बिगड़ गया है,
पथ से पूरा भटक गया है..
माता की चिंता बढ़ गई,
बेटे की हरकतें अब तंग कर गईं..
माँ की पीठ पर ही चुरा चलाया,
अपना असली रंग दिखलाया..
सज़ा अब उसको मिलनी है,
दुश्मनों को करना छलनी है..
बहुत हो गई बात शांति की,
नहीं मानना अब बात गांधी की..
जिसको जो भाषा समझ में आए,
उसको उसी में समझाया जाए..
#ceasefireviolation
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वो फूल
और वो झुमके..
वो तस्वीरें
और साथ में लगाए ठुमके..
वो गाने
और मिलने के बहाने..
वो खूबसूरत झरना..
और फिर एक दिन..
अचानक..सब बिखरना...
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सुनो,
तुम खुश रहना
तुम्हारे मन का हो,तब भी
ना हो,तब भी
सुनो,
तुम खुश रहना
कुछ अच्छा हो,तब भी
ना हो, तब भी
सुनो,
तुम खुश रहना
प्यार मिले,तब भी
ना मिले,तब भी
सुनो,
तुम खुश रहना
मैं साथ रहूं,तब भी
ना रहूं,तब भी
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तेरे प्यार की गहराई में, मैं डूबी हूँ
तेरे बिना अधूरी
तेरे संग पूरी हूँ
सिर्फ शरीर नहीं,
मेरी रूह ने भी तुझे अपनाया है
तु मेरे अंदर इस कदर समाया है..-
I remember your hands, so soft and gentle,
Your fingers, delicate and warm,
Guided me through life's early form.
Now, I see those hands, still beautiful,
But worn and rough, like weathered stone.
I see the beauty, still, in those hands,
A beauty that's been shaped by life's demands.
And though they're different now, they're still divine,
A testament to your love, your heart, your prime.
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तारों की तरह टूटे है हम
पत्थरों की तरह गिरे है
एक दूसरे को चोट भी बार बार दिए है
पर चल अब बिगड़ा सब सुधारते है
एक दूसरे को जोड़ते है
एक दूसरे को उठाते है
सारे ज़ख्मों पर,मलहम लगाते है
भूल कर एक दूसरे की खामियां,
अपना जीवन संवारते है,
प्रभु को शुक्रिया करते है
चल,फिर कोशिश करते है..-
कभी अच्छा लिखती हूं,
कभी बुरा लिखती हूं..
कभी अपने लिए लिखती हूं,
तो कभी दूसरों के लिए लिखती हूं..
कभी एक शब्द पर लिखती हूं,
तो कभी किसी भावना पर लिख देती हूं..
जो आ जाए दिल में वो लिख देती हूं
ज्यादा ज्ञान तो मुझे है नहीं..
मुझे अच्छा लगता है
इसलिए.. बस लिख देती हूं..
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