।। हारना नहीं है ।।
उस चमकते हुए सूरज की धूप में
जल जाते हैं सभी,
तुम उस आग में तप कर
फिर एक बार जीना सीखो ;
ऊंची उड़ान भर कर
डर से लौट जाते हैं सभी,
तुम आसमां में उड़ कर
उसमें गुम हो जाना सीखो ;
बेशक हैं पैरों में बेड़ियां बंधी,
जख्मी पैरों तुम दुबारा
दौड़ जाना तो सीखो,
मजबुर सही पर वक्त से
हारना नहीं तुम ,
एक बार इस वक्त को
तुम भी हराना तो सीखो ;
उजालों में तो हर लम्हा साथ है ज़माना
तुम अंधेरों से अकेले ही
जूझ जाना तो सीखो,
ताउम्र आजमाती रही जिंदगी तुम्हें
एक दफा तुम भी
जिंदगी को आजमाना तो सीखो;
तुम्हारे राह में " सुमन " न खिल जाए तो कहना
एक बार खिल - खिला के तो देखो ।।
—तनीषा उज्जैन 'सुमन'
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🎂माहि भईया🎂
राँची में जन्म हुआ आपका
नाम आपका महेंद्र सिंह धोनी ।
मेहनतकश इंसान है आप
बड़ी आपकी अजब है कहानी ||
देखा अपने एक सपना
उसको पुरा किया अपने ।
क्रिकेट को अपना लक्ष्य बनाया
रेल की नौकरी छोड़ी अपने ।।
अपनी तूफानी पारी से
2004 में किया आपने इंट्रि ।
ऐसा प्रतिभावान खिलाडी को पा
गौरवान्वित हुआ सारी कंट्री ॥
हेलिकॉप्टर शॉट सबको भाया
आपकी रही उत्तम कप्तानी ।
जिस मैच में आप रहते थे
छोड़ जाते अपना निसानी ।।
T-20 WC 2007 जिताया,
WC-2011 को 28 वर्ष बाद लाया ।
चैम्पियंस ट्रॉफी 2013 को जिता
पुरा विश्व तिरंगा फहराया ।।
HAPPY BIRTHDAY THALA🫀🙏
—Miss_khiladi83-
"हजार मील का सफर भी,
एक कदम से ही आरम्भ होता है"।
—तनीषा उज्जैन 'सुमन'-
Itni shiddat se maine
tumhe paane ki saazish ki hal,
ki har zarre ne mujhe
tumse milane ki koshish ki hai.
Kehte hain ki
agar kisi cheez ko dil se chaho,
toh poori kayanaat
tumhe usse milane ki
koshish mein lag jaati hai.
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किस लिए बदलूँ खुद को,
मुझे ऐसे ही पसंद हूँ "मैं"
—तनीषा उज्जैन 'सुमन'-
।।विजय भव: विजय भव : विजय भव:।।
उठ
खड़ा हो
आगे
बढ़ता जा..
बन दृढ़ निश्चयी
अपने निश्चय पर दृढ़ हो
सफलता के शिखर चढ़ता जा..
।।विजय भव: विजय भव: विजय भव:।।
ठान कुछ ऐसा करने की
'जो किसी ने ना ठानी होगी'..
कर्म करने से पहले कभी ना सोच
'कितना मुनाफ़ा, कितनी हानि होगी'..
बस तू खुद से ही खुद को और निखारता जा..
स्वयं के इरादे मजबूत बना
स्वयं से ही आगे बढ़ता जा..
।।विजय भव: विजय भव: विजय भव:।।
रख लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित
अर्जुन के निशाने-सा
आज़ादी के दीवानों-सा
माही- मिल्खा से हो प्रेरित
जीत की परचम गढ़ता जा..
।।विजय भव: विजय भव: विजय भव :।।
—तनीषा उज्जैन'सुमन'🍁
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ओ........................!
रिश्ता-भरोसा, चाहत - यक़ीन..
ई.. सब कर दामन अब चाक.. हय
समझत रही हाथ में हय जमीं..
मुट्ठी जे खोलली, बस ख़ाक.. हय।
दिला में हय इसन सोर काले
ईमान कमजोर काले
नाजुक़ ई.. डोर हय काले.......
........... Music..........
या...................................
ई... हौसला कइसे झुके
ई... आरज़ू कइसे रुके—2
मंजिल मुश्किल तो का...
धुँधुर साहिल तो का...
एकला ई... दिल तो का........
...... Music.....
डहर में कांटा बिछल अगर
उकर में फिर भी चलेक ही हय
साँझ छीपाई सूरज के मगर
राईत के तो एक दिन ढलेक ही हय
संकट ई... टइल जाई
हिम्मत मोर रंग लाई
उजला फिर आई...
हो.....................
हो......................
ई हौसला कइसे झुके
ई आरजू कइसे रुके —2
......... Music.........
हे..................
होइ जे कृपा अदा..
धूप कटी छन्न भइर में,
आपन भोले बाबा से हय ई दुआ
मंजिल लगाई मोखो गला...
साहस सौ बार रहे
ऊँचा इकरार रहे
जिन्दा हर प्यार रहे
हो..................
हो..................
ई हौसला कइसे झुके
ई आरजू कइसे रुके —2
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