ये दिल तेरी चाहत का तलबगार बहुत है ,
हम क्या करें कि हमें तुमसे प्यार बहुत है।
है दर्द ,तड़प , तन्हाई ,दूरी भी ,
और हमारे प्यार में इंतज़ार बहुत है।
पाना तुम्हें मुमकिन न था पर खोने का डर है,
इस इश्क़ में ये दिल अब ख्वार बहुत है।
मिली थी कुछ पल ज़िंदगी तुम्हारे साथ,
तुम्हारे बग़ैर ज़िंदगी अब दुश्वार बहुत है।
तुमसे वाबस्ता है मेरी हर खुशी मेरे महबूब,
बिन तुम्हारे हर सांस मुझसे बेज़ार बहुत है।
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20 December🎂
जिनसे इश्क़ की
महक आया करती थी
और सूखे फूलों को आखिर
कोई कब तक सहेज के रखे।-
तो उसकी बुराइयों को
नज़रअंदाज़ करते हैं।
और जब हम
किसी से अलग होते हैं
तो उसकी अच्छाइयों को
नज़रअंदाज़ करते हैं।-
किसी ने कहा है कि आवाज़ दिल से निकले
तो दिल तक ज़रूर जाती है,
मेरा दिल तो उसे पुकार कर थक गया
फिर कोई सदा लौट कर क्यूं नहीं आती है?-
मोहब्बत एक वबा है
जो धीरे-धीरे काम तमाम करती है,
हम समझते जिस चीज से फायदा हैं
वो उतना ही नुकसान करती है।-
मेरी दुआओं में शामिल है तू
खैरियत से रहे, चाहे जहां भी रहे
तेरा मुझसे बात करना न करना
इक अलहदा मसला है।-
नौ दिन नहीं
अब नौ माह विराजो
किसी कोख़ में
बहुत पाप बढ़ गया है माँ
इस धरती लोक में.....-
गजोधर भैया इक मौत ही थी जिससे खूब लड़े तुम,,
बाकियों को तो तुमने अपने हास्य व्यंग्य से जीता है...-
रिश्ते और रास्ते
तब ख़त्म हो जाते हैं,
जब पांव नहीं
दिल थक जाते हैं...-
तुम्हें भुलाकर
जी सकूँ
इतनी हिम्मत
नहीं है मुझमें,,
तुम्हारे साथ रहना
मेरा नसीब
न था...-