कहते हो मोहब्बत हैं मुझसे निभा पाओगे क्या ?
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मेरे हर सफर की मंजिल तुम हो
मेरा हर सफर है बस तुम तक
मेरी हर राह चले बस तुम तक
मेरी सारी खुशी है तुम से ही
मेरी खुशियां जुड़ी है तुम से ही
मेरी खुशियों का ठिकाना हो तुम
मेरी सारी खुशियां है बस तुम तक
मेरे दिल की हर धड़कन में बसे हो तुम
मेरी हर सांस चले है बस तुम तक
~ Misha
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यूहीं चलते चलते किसी राह में,
किसी मोड़ पर, हम फिर मिलेंगे
जो है अधूरी कबसे हमारी
उस दास्तान को पूरा करने
हम फिर मिलेंगे
हम मिलेंगे किसी घाट किनारे
सितारों से सजे आसमां तले
जहा गंगा में बहता हुआ नीर
और उसमे झिलमिलाते हुए दिए
साक्षी होंगे हमारे पुनः मिलन के-
मैं हूं तुम हो और कुछ अनकही सी बाते है दरमियां
मैं हूं यहां तुम हो वहा चन्द कदमों की दूरी नही फासले
है, मीलों के दरमियां, हम मिले तो है, पर मिलना हमारा अभी बाकी है, मिलन की घड़ियां है अभी बोहोत दूर कही, है अभी इंतजार के पल बाकी कई दरमियां।-