कुछ सोच रहा हैं दिल
मगर क्या मालूम नही,
सोचा तो बहुत कुछ था लिखूं तेरे बारे में,
मगर अल्फ़ाज ही नही,
जो बयां कर सके ये दिल....-
आज 20 वर्षों में,
एक कृष्ण जन्माष्टमी ऐसा भी....
चलो,कृष्ण जन्माष्टमी मानते हैं,
आज कृष्ण का जन्म न करके खुद का जन्म करते हैं
क्यूँ 364 दिन की तरह इस 365वें दिन को भी गवाये
चलो,आज जन्माष्टमी मानते हैं...
आज कृष्ण की तरफ न देख कर,खुद की तरफ देखते हैं
खुद के अंदर आज कृष्ण ढूंढते हैं
साल भर के हबड़ तबड़ से थोड़ा आज ठहरते हैं
चलो कृष्ण जन्माष्टमी मानते है
कृष्ण, जो अवतरित है आज उसका जन्म मानते है...!!-
Shiv.....
Shiv wo hai jo bure ke paksh me nhi hai,
wo acche ke bhi paksh me nhi hai,
Shiv swayam ke paksh me hai....
Jaha Shiv hai wahi shubh hai..
Accha bura to sb aata jata rhta, tumhara banya hua hain..
Or banane or chalne me shiv ki koi ruchi nhi..
Shiv ka kam hai "samapt karna"
Or bhulna nhi tumhe bhi samapti hi chahiye, kyuki tum to bhut kuch bane baithe ho.
Tumhe samapti chahiye esliye "shivamay" ho jao....
Shivamay hone ka arth hai samapti ki aarjoo rakhana.
Wo sunte ho na 'sarfaroshi ki tamanna ab humre dil me hai'-wahi asali cheej hai
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प्रेम....प्रेम सीखना पड़ता है...
प्रेम का मतलब है अपने मन को उस हालत पर ले आना,मन को साफ करके,जहाँ मन दूसरे का हित अपने हित से ऊपर रख सके..।।
दूसरे का शोषण प्रेम नही कहलाता,दूसरे पर मांगे रखना प्रेम नही कहलाता,दूसरे के ऊपर शर्ते थोपना प्रेम नही कहलाता...।।
दूसरे की भलाई, बेहतरी और तरक्की को प्रेम कहते है,दूसरे का हित हो सके इसके खातिर अपना भी नुकसान कर लेने को प्रेम कहते है...
"प्रेम वो चीज है जो उम्र के साथ गहराती है,मीठी होती हैं"
।।प्यार सस्ता नही है प्यार प्राकृतिक नही है।।
(-आचार्य प्रशांत जी)
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मुझे
बस तेरा हो जाना है मुझे...
तेरे साथ बस तेरा होकर रहना है मुझे..
इन दूरियों ने बहुत सता लिया है,
अब बस ख़्वाहिश है तेरा होकर ही जीना है मुझे....!!-
मेरे ज़ख्मो को रंगे इनाई कोन देता है,
लहू आँखों में आ जाये तो दिखाई कोन देता है..
जहाँ इंसाफ़ अँधा हो,
वहाँ आज बेकस को सजाये...
सभी लिखते हैं रिहाई कोन देता है
और तुम तो कहती हो, मेरे शहर के सारे लोग अच्छे है,
गरीब बच्चे के हाथों में मिठाई कोन देता है...
ओ जमाना ओर था जब उनकी खातिर जान देते थे,
अब माँ के हाथों में कमाई कोन देता हैं...।
अब माँ के हाथों में कमाई कोन देता हैं....।।-
......
तेरे लिए क्या ही लिखूँ माँ
तेरे पैरों तले मेरा पूरा संसार है...
तेरे लिए लिख दूँ अपनी जिंदगी
तो वो भी तो कम हैं माँ...
तेरे आगे फीका हर एक प्यार हैं
और क्या बताऊँ तेरे बारे में माँ
तू ही तीरथ तू ही धाम हैं
तू ही मेरे जीने का परिणाम हैं माँ.....
Love you mumma❣️❣️-
ये कितना बड़ा आसमां हैं,
पर मेरे इरादे तो इससे भी बड़े हैं....
बस कुछ दूर ही बहे फैलाकर,मेरे सपने भी खड़े हैं।
इतनी बार ठोकर लग के गिरा हूँ,
पर मेरे हौसलें भी लड़ने के लिए अड़े है...
एक अरसा सा हो गया, मेहनत करते हुए इन रास्तों पर
कुछ निशान तो मेरे मेहनत के भी पड़े है...
ज़माने वाले पूछते है, कुछ करेगा भी जिन्दजी में
या ऐसे ही मारेगा बंदगी में,
पर ताले तो अभी भी मेरे मुँह पर पड़े हैं...
कैसे समझाऊ इनको, कैसे दिखाऊ इनको,
मेरे जिंदगी के इम्तिहान कितने बड़े हैं....!!
मेरे जिंदगी के इम्तिहान कितने बड़े है....!!-
पापा अब आप के बारे में क्या कहना
आप हो परिवार का गहना...
छोटी सी उमर में आप सीखे कमाना
घर की हर छोटी बड़ी ज़िम्मेदारी सीखे निभाना
मेहनत ही तो है आप का गहना....
पापा अब आप के बारे में क्या कहना...!
मेहनत से न कभी चुके, न सीखे हारना
न डरे थकान से, न छोड़ा हौसला...
दिन रात सींच के आपने पैरों पर खड़े,
पुरे परिवार को एक मुट्ठी में देते हो बदल...
बस आप से था इतना पूछना.....
पापा आप ये कैसे कर लेते हो...
पापा आप ये कैसे कर लेते हो....!!
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