राह से भटके हैं जो उनको बता दो
मंज़िलें मिलना है मुमकिन रास्तों से-
Miraa Divya sisodiya
('मिरा')
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Likhte to sb honge.. 📝
Main to man hlka kr leti hu apne lafzo ko panno pe utar kr... 📜🖋
Y... read more
Main to man hlka kr leti hu apne lafzo ko panno pe utar kr... 📜🖋
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Joined 5 December 2018
23 MAY 2022 AT 15:15
19 MAY 2022 AT 20:22
चाहिए थी ज़िंदगी जो उसको दे दी
और फिर उसका अक्स ढाला ख़ुद में मैंने-
14 MAY 2022 AT 17:18
यूं शोला भड़काऊंगी
ख़ुद को आज जलाऊंगी
तुमने राख बनाया था
राख से आग बनाऊंगी-
6 MAY 2022 AT 13:20
करूँ राख या तो या रोशन जलाकर
कि अबला हूँ तुमको ये किसने बताया
®Miraa-
2 MAY 2022 AT 7:34
खाने को खाना नहीं, रहने को ना ठौर
दुःख विशेष ये ही ‘मिरा’ ,लेकिन गाए और-
28 APR 2022 AT 21:25
देख! बहुत कुछ हो सकता था होने को
पर होता तब होता अब क्या होना है ..-
27 APR 2022 AT 7:45
ज़मीं ख्वाहिशों की जो बंजर थी कबसे
उसी पर नया ख़्वाब इक पल रहा था ..-