उसकी एक फ़ेसबुक स्टोरी ज़ेहन में क्या क्या बनाती है दश्त में तितलियां जगाती है लफ़्ज़ को शायरी बनाती है - میر کیکاوس
उसकी एक फ़ेसबुक स्टोरी ज़ेहन में क्या क्या बनाती है दश्त में तितलियां जगाती है लफ़्ज़ को शायरी बनाती है
- میر کیکاوس