मसला ये नही की वक्त ने कितना छीना है।
छीना भी तो बेवक्त छीना...
मसला बस इतना है।-
ठहराव का एहसास,
जिंदगी के उस हिस्से में है अभी!
जहाँ कभी शोरगुल से भरे ,नोक-झोंक वाले भाव भरे होते थे!!
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प्यार मे हार जीत की गुंजाइश, तो न थी
पर जाने क्युं वे प्रतिस्पर्धा कि जाल में बुन गए। ।-
इस दौर के हालात,
क्या बताए जनाब ।
दिन तो कट रही है,
पर रातें गुजरती नहीं।।-
कुछ खास नहीं बदली है ज़िन्दगी, शादी के बाद।
पहले बाहर से घर आते थे,
अब ससुराल या मायके जाते हैं।।-
वक़्त ने हमें इस कदर आजमाया हैं।
देके पलकों में आंसू खुद पे हँसना सिखाया हैं।-
Kabhi Jamane bhar ki baate likhne ka
shauk tha hame...
Waqt aur halaat ne haatho ko कांपना Sikha diya....-
Hamsafar mere!! Sun jara.. dheere chal....
Beshak jamane ne aaj langra bana diya hame...
warna ye baat aur hai ke kabhi hamari रफ्तार ke aage waqt bhi ठहर- सा jata tha..-
जब था सब कुछ मेरे पास,
महफ़िलो की चकाचौंध में थी बदहवास !
ठोकरे लगी जब जमाने भर कि, तब आया यह एहसास,
कि बस किसी को सिर्फ पा लेना ही मुकद्दर नहीं !!-