बात अगर लिखने की हो तो तुम हार जाओगे
मेरी कलम जज्बातो से भरी हुंई है तुम्हारे अल्फाजो से नहीं-
Dastan k Saath✍️
Medicos👩⚕️💉💊
तुझ्या प्रेमाची आस जशी
वसंत ॠतुची चाहूल अशी
मी वाट बघत असल्याशी
आणि तू येनार नकोशी
माझं मन तुझ्याशी
पण तू कुणाशी?
रोज तझी वाट बघताशी
जाईल माझा क्षण व्यर्थाशी
गमविले ते मुल्यवान सेकंद
जे मला वेड करत होते
तुझ्या प्रेमाशी
ही आस नको कुणाची
मला तू हवी माझ्याशी
माझं जिवन तूझ्याशी
न कळत तरी समज तू मला
तुझ्या या मिठीत येईल एकदा तरी
घेशील का मला आपल्याशी...-
कुछ ख्वाब जो देखे है
वही आज समेट के रख रही
आज नहीं तो कल पुरे होंगे
इसकी तलाश कर रही
बस यु ही साथ रेह मेरी डायरी तु
हर लम्हा तेरे साथ गुजरना है-
पता नहीं उसकी मुस्कान पे कितने गहरे राज थे!
हमेशा ही हसती थी!
वही तो एक शख्स थी
जो दूसरो के लिये जीती थी!
लोगो की फिक्र करो, सबको प्यार करो,
सबको समझो,सबके साथ रहो,
सबके साथ मस्ती करो
सबकी बेज्जती करो, सबको हसाओ...
उसका एक कहना था?
यार...अपना हो या पराया मेरे दिल
में शामिल सबकुछ है!
जिंदगी के हर लम्हे को वह खुल के जिती है!
उसके हुनर की दास्तान ही कुछ अलग है!
आँखो में नमी और होठो पे मुस्कान है!
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कुछ दिनो बाद एक लम्हा याद आया
फिर एहसास हुआ
वो गुजरा हुआ बेबस कल था-
दिल मैं एक आस लेके आया हुं
भारत मां की रक्षा करने निकला हुं
मां की पुकार नहीं सुनी
जब धरती मां ने पुकारा था
बहन की राखी नहीं देखी
जब धरती मेरी लहु लहान हुई
उस घरं का कैसे खयाल करू जब
सिमा पे भारत के वीर जमीन में दफन हो रहे है
किस महबुब का सहारा लु
सिने में तिरंगा समाके आया हुं
हां! हुं एक में फौजी
पर तुम सबका रखवाला हुं
खुद की जान की पर्वा नहीं
इस मिट्टी की कसम मां
नहीं झुकने देंगे तेरा सर
खुद के प्राण की बली देकर
सारा जहाँ करेंगे रोशन...
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