i want to feel your presence...
i want to listen music and silent music ...
i want to read your eyes and say something..
i want to express my feelings
want i feel for you..
please come very soon to meet me ....-
मुझे लिखना पसंद जिसे मै महसूस करती हूं।
you can follow me
सिर्फ तुझे ही चाहेंगे।
मांगेंगे फरियाद तेरी सलामती की....
तुझसे मिल भी पाए तो ग़म नहीं....
तुम हो सलामत तो ये जिंदगी जिंदगानी से कम नहीं...!-
पानी सा हर ख़्वाब मेरा फिसल गया,
थी रेत हाथ में मेरे तो साया बन मुझसे बिछड़ गया।
रंजिश रही सिरहाने मेरे तू मेरा था मुझसे बिछड़ गया,
महक थी मेरे रूह की तू साथी बन याद बन बिछड़ गया।
नाता था जन्मों का ,वादा था कुछ बातों में तू साहिल बन बिछड़ गया,
तू गूंजता हैं कानों में , मेरी आंखों की पुतलियों में बसता है हर साथ तुझसे बिछड़ गया।
यादों का बस नाता है अब तो आंखो का पन बन रिस गया,
रूसी थी किस्मत मुझसे लकीरों का कह कर नाता तुझसे टूट गया।
मुझे पूरा करना था तुझे तू मुझसे छूट गया अधूरा सा कर हर नाता तुझसे टूट गया,
अब पन्नों में, अश्कों में, बातों में शब्दों में बसेरा दे मुझे अकेला कर गया।
छूट गया कुछ अधूरा सा मुझसे तू मेरा बन मुझमें रह गया,
किस्मत में साथ नहीं था तेरा फिर भी तू मेरा बन मुझसे बिछड़ गया।-
हमसफ़र की चाह थी वो हमनवां बन गया ,
महफूज़ रखा जो दिल में वो ख़्वाब मुकम्मल बन गया।
हमसफ़र की चाह में वो हमनशी साथ जीवन का दे गया,
वो हमसफ़र मेरा मेरा हंसी जीवन कर गया।
जो मांगा दुआओं में वो पूरा हर जज़्बा कर गया ,
जो चाहा इस दिल ने वो मुझे हकीकत कर गया।
आँखों की मंजिल का वो ठिकाना बन गया,
मंजिल को साहिल का सफरनामा लिख गया।
मुकम्मल उससे मेरा हर ख़्वाब है वो मेरी जिंदगी खुशनुमा कर गया,
उससे मिलती राहत मुझे वो मेरे सुकून का आईना बन गया।-
हर मौसम में तुझे याद किया , सुबह की पहली किरण ने
तेरी महक से मुझे चहका दिया ,
तुझे याद किया बस तेरा ही नाम लिया।
हर सांस से समाहित तेरी खुशबू से ने मुझे सम्मोहित किया,
ये जादू फिज़ाओं का था या मौसम की नजाकत का...!
तुझे याद किया बस तेरा ही नाम लिया।
जिस क़दर कायल हुए है तेरे मन की स्थिरता को देख ,
वो बेहिसाब कमाल तो सूरत ने भी नहीं किया..
तुझे याद किया बस तेरा ही नाम लिया ।
मन खुशियों से चहकने लगा जबसे तुझे महसूस किया,
शरारतें तो कभी नादानियों भरी बातें और कभी सहज समझदारी और गंभीर हिदायतें...
उफ्फ तेरी ये अदाएं तुझे याद किया बस तेरा ही नाम लिया।
तुम शामिल हर साज में मेरी हर बात में ,
तुम संग शामिल मेरी यादें बातों में बाते
हर सांस में तुझे याद किया बस तेरा ही नाम लिया।-
शाम ढलती ही डाली महकती हैं,
लौट कर पंछी घर आते है ,
जो दाना चुगने बाहर को जाते है,
सुकून होता है उनका साथ होना ,
सारी बातें कह थकान दूर हो जाती है।-
आँखों में इंतज़ार ,
दिल में इकरार ,
सच जानते हुए
अनजाने बनने की बेबसी।
राह ताक आँखें ,
बेबस और लाचार,
ना चाहते हुए
खुद को उम्मीद की लौ
में जलने की बेबसी।
आँखें टिकी एक मुंडेर पर,
तो दूजी मोबाइल स्क्रीन पर,
एक संदेश या काल के
आने का इंतज़ार और
खुद की बेबसी।
जाने बेबसी पर सब्र
टूटा क्यों नहीं करता,
रिश्ता बेमतलब का है
साथ छूटा दिल टूटा
फिर भी उम्मीद का दामन
छूटा क्यों नहीं।
खुद को बेबस और लाचार
देख न चाहते हुए
भी बेकरारी खत्म नहीं,
न शिक़ायत न शिकवा,
बस वक्त और इश्क़ की
बेबसी है।
कभी खट्टी कभी मीठी
इंतज़ार और इज़हार
खुद प्यार ही हमारी
बेबसी है।
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नाम दे शादी का हुस्न को सराहा है ,
नोच कर जिस्म उसे पत्थर बनाया है।-
बन के दुल्हन लिबाज और श्रृंगार से खुद को सजाया है,
मैने ये आँगन छोड़ने का फैसला निमंत्रण और ढोल बजा धूम धाम से बतलाया है।-
अंधेरों में गुम हो गुमनाम बन बैठा,
हँसी ठिठोली का सामान बन बैठा।
जाने क्या नूर था उसकी बातों में,
रुठा था फिर भी उसका दीवाना बन बैठा।-