तेरी आंखों के बागान फूलों से रोशन है महक तेरी फूलों से मेरे मन को सजा दे जरा,
तेरी आंखों में मेरे सपने सजा दो जरा, बन के भंवरा इर्द गिर्द तेरे तू अपना बना दे जरा।-
महल मेरे ख्यालों का सजाने से पहले ,
घर अपना खुशियों से चहकने से पहले,
करना विश्वाश खुद पर और कहना तुम खास हो
तुम विश्वाश हो तुम भरना आहे ओर गहरी सास ले
खुद को आत्मविश्वास और आत्म सम्मान से भरना
हा तुम कर सकते हो ख़्वाब पूरे।
महल मेरे सपनों का बुना है तो खुली आंखों से,
पूरा भी तो करना है करनी है बाते वो अधूरी मुलाकाते,
सपनों का आशियाना वो चांद तारों की बातें ,
वो मुश्किल है डगर मगर जाना तुम जाना जरूर,
तुम बेखयाली में रहना और कहना
हा तुम हो खास तुम कर सकते हो मंजिल को पार।-
चलो चले हम संग देख आसमा को गीत मिलन का गुनगुनाए,
चलो न करनी है ढेर सारी बातें उमर भर का सपने आंखो में झिलमिलाए।
चलो अपनी हम अपनी नई दुनिया बसाए,
जहा ख्वाबों से हो बातें हर खवाइश का घर बसाए।
चलो हम अपने ख़्वाबों को सजा मन दर्पण सजाए,
चलो आसमा को रंगों से सजाए तुम कहो तो अपना जीवन महकाए।
चलो चांद संग जमी पर दौड़ लगाए बचपन का ये खेल आज फिर दोहराए,
घंटों निहारे आसमा को तारों से झिलमिल रोशनी में ओर कहे सनम तक मेरा संदेशा पहुंचाए।
चलो संग चल जीवन को महकाए , गीत मिलन के गाए,
चलो संग हम अपनी नई ख्वाबों भरी दुनिया बसाए।-
तू मेरे मन उपवन की ठंडी छांव है प्रिए...
सजा के फुलवारी अंगना की क्यों न बना दे मुझे तेरे बाहों का हार प्रिए।-
कुछ खास लम्हों को कैद किया है हमने यादों के गुलिस्ता में,
ये यादें हमें जिंदगी की हर राह को आसा ओर खुशनुमा बनाएंगी।-
मासूमियत उसकी इतनी जैसे चंचल नदियां का पानी,
कल कल कर बहता जाता उसकी निर्मल है कोमल काया।
भोली भाली मुस्कान से सबका मन मोह लेती जैसे,
चंदा की हो चांदनी शांत मासूम है मेरी बिटिया रानी।
छन – छन करते झांजर उसके पग में लगता जैसे
देवी घर में टहले और उसकी आवाज से मन महके।
मासूमियत सा चेहरा उसका लगता मेरा चांद का टुकड़ा,
आकर गले से लिपटे खूब सारा प्यार मुझ पर लुटाए।
हँसी ठिठोली करती मुझपर आ धमके मेरी आवाज को तरसे,
मेरी बेटियां मेरी प्यारी बेटियां ये तो है ईश्वर का वरदान बेटियां।-
ठोकर खा संभलना आदत है हमारी,
फिर मीठे बोल बोल बोल कर हमें उलझा दिया
फिर भरोसा करना फितरत है हमारी।
दिल है मोम सा पत्थर दिल हम हो नहीं सकते,
हर बात को दिल से सोचना
दिल्लगी है हमारी।
पल भर कोई बैठे हमारे पास हम उसे अपना समझ जाते,
दिल का हाल जट से सारी
उलझन बतला देते यही गलती है हमारी।
कहा कोई कहने से अपना हो पाया ,
ये तो बस जासा देते अपनेपन का और
सारे राज़ खुलवाना यही दोस्ती थी तुम्हारी।
खुद से ज्यादा खुदा पर भरोसा किया ,
इसी बात का सबसे बड़ा पछतावा हुआ
खुद के फैसले पर आज रुसवाई थी हमारी।
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मन के पट खोल तेरी ताक लगाए बैठी हूं,
खिड़की पर तेरे नाम की राह देखे बैठी हूं।
मन की कोने पर यादों की दस्तक हुई है,
इस दस्तक से दिल में थोड़ी हरकत हुई है
खिड़की पर दीप जलाएं बैठी हूं।
नज़रों के कोर सुख से गए है में राह बिछाए बैठी हूं,
जल्दी से आवाज दे पुकार मुझे मै सब निसार तुझ पर बैठी हूं।
देखने को अंखियां तरस रही है साथ में अश्क बरस रहे है,
इन आंखो से बेचैन दिल भी तरस रहा है इंतजार बरस सा लग रहा है,
मन के दरवाजे खोल में सब कुछ हार बैठी हूं।
सच कहूं तो खयालों की खोल तेरा दीदार किए बैठी हूं,
वक्त कैसे कट रहा बताना आसान नहीं इसी तड़प में सूद बुध खो तेरे इंतज़ार में बैठी हूं।-
मेरे दिलों दिमाग के कौतूहल में शामिल
सिर्फ और सिर्फ तेरी यादों की तलाश थी और रहेगी।-
चांद है आधा तारों के बिना
हमें नींद आती नहीं तेरी बातों के बिना।
अधूरा चांद है तो पूरे हम भी नहीं,
तेरी यादों से रोशन हमारी ज़िंदगी होती नहीं।
कर देना पूरा चांद को जगमगाती चांदनी से,
हम भी रोशन होंगे तेरी मेरी कहानी से।-