केवल हवा , रौशनी नही आती इन दरख़्तों से ज़ानिबकभी कभी यादें भी फूट पड़ती हैं इनसे ऑक्ससीज़न बनकर - मिनाक्षी -एहसासनामा
केवल हवा , रौशनी नही आती इन दरख़्तों से ज़ानिबकभी कभी यादें भी फूट पड़ती हैं इनसे ऑक्ससीज़न बनकर
- मिनाक्षी -एहसासनामा