17 MAR 2018 AT 17:41

केवल हवा , रौशनी नही आती इन दरख़्तों से ज़ानिब
कभी कभी यादें भी फूट पड़ती हैं इनसे ऑक्ससीज़न बनकर

- मिनाक्षी -एहसासनामा