14 JUN 2017 AT 22:40

आगाह अपनी कब्र का हूँ मिट्टी गीली है अभी
कुछ आंसू कुछ शीशे का लावा ।
फिर आने का वादा है उससे
फिर जीने का भुलावा।।

- मिनाक्षी -एहसासनामा