आगाह अपनी कब्र का हूँ मिट्टी गीली है अभीकुछ आंसू कुछ शीशे का लावा ।फिर आने का वादा है उससे फिर जीने का भुलावा।। - मिनाक्षी -एहसासनामा
आगाह अपनी कब्र का हूँ मिट्टी गीली है अभीकुछ आंसू कुछ शीशे का लावा ।फिर आने का वादा है उससे फिर जीने का भुलावा।।
- मिनाक्षी -एहसासनामा