19 SEP 2017 AT 14:20

आ वक़्त तेरी आँखों में झोंक दूँ यादों का कचरा
कुछ बचपन शायद बह आये अश्क़ों में

बड़ी दर्द भरी है सयानेपन की रिवायतें

- मिनाक्षी -एहसासनामा