एक लेखक का दुबारा प्रेम में पड़ना इससे भयावह और कुछ भी नहीं
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तेरे दो पल के प्रेम की यही कीमत हम हर दिन चुका रहे हैं
जो अपना बनाने के लिए बेकरार है उसे भी हम ठुकरा रहे हैं।-
तस्वीर दिखा कर उसने अपनी होने वाली जीवनसाथी की पूछा मुझसे कैसी है?
'सुन्दर है' ये ना बोल पाई मैं
'ठीक है' कह दिया बस
पहली बार सच ना बोल नहीं पाई
उसकी खूबसूरती की तारीफ ना कर पाई,
उसने मुझे मेंहदी लगाने का वादा जो तोड़ा था।-
तुम्हें मिलेगी मेरी खोई कलम की स्याही उन तमाम बचे खुचे पत्रों में, जिन्हें तुमने पढ़ कर फेक दिया, और जवाब लिखने के बजाय उन्हें फाड़ दिया।
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कई बार तुम्हें बेवजह ही याद कर खुश हो लिया करते हैं
तुम्हारी यादों का साथ होना
तुम्हारे साथ न होने के दुःख से तो अच्छा है-
तुम मेरे अच्छे कर्मों का फल हो
मगर अफसोस.....
मेरे बुरे कर्म कभी तुम्हें मेरा नहीं होने देंगे।-
मेरे चिता के साथ ही जलेंगी अब तुम्हारी यादें
क्योंकि जीते जी तुम्हे भुलाना मेरे लिए मुमकिन नहीं-
And still there are some wounds waiting to be healed got rotten this year
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सब कुछ खोकर
बहुत कुछ आजमाया है
जिंदगी का एक हिस्सा गवाया है
सब कुछ खोकर खुद को पाया है-
और इक रोज़ सारी असफलताएं तुम्हारी आखिरी जीत पर मुस्कान बिखेरेंगी।
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