मंजिल एक है राह अनेक।।
तमन्ना एक है चाह अनेक।।।
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चलो इस साल दिवाली थोड़ा खास बनाएं।🤗
सारे गिले शिकवे भुला कर अपनों को पास बुलाएं।😍
दीपक लगाकर सबके मन में नई उम्मीद जगाएं।😊
मिठाई के थाली मैं खुशियां परोंसे और सबको गले लगाएं।।😚😚-
वक्त वक्त की बात है।।
कल जो वक्त था बह आज इस वक्त भी याद है।।
फर्क सिर्फ इतना है कल का बिता वक्त आज एक इतिहास है।।-
ना अमीरी ना गरीबी ।
दुनिया में सबसे ज्यादा दुख देता है करीबी।।-
ना बोलने पर भी
जो जरूरतें समझ जाए।......
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परख लेना उस इंसान को भी,
अगर पिता के सिवाय
कोई और मिल जाए ।।-
इस दिल में कभी झांक के देखा है ??
उस पर किसी का राज नहीं जिस पर हक सिर्फ मां का है।।-
तेरी आवाज
इस तरह शोर मचा रही थी
कि मानो जंगल नहीं रेगिस्तान हो।।।-
इस पहेली को सुलझा दो जरा ये इतना क्यों उलझा हुआ है ??
अमीरों के बाग में भी आज फूल क्यों मूर्छा हुआ है??-
मुझे आदत पड़ गई है तन्हा रहने की।
अपने आप में ही खुश हूं।
ख्वाइश नहीं किसी के गुलाम बनने की।।-
दिल की बस एक ही चाहत पूरी हो जाए।
दिन की शुरुआत और खत्म पर एक कप काफी मिल जाए।।-