कशमकश क्या चीज है ?
ये उस कश्ती से पूछ कर देखो
जिसे थपेड़ों ने
किनारे पर छोड़ दिया!
मीनाक्षी बार्चे-
If your true friend or mentor is not appreciating you,
don't feel discouraged,
accept it,
because
they know your true capabilities
better than you.-
हिंदी हमारी संस्कृति और सभ्यता का एक अभिन्न अंग है। इसे एक भाषा के साथ-साथ एक संस्कार के रूप में विकसित करें।
मीनाक्षी बार्चे-
Mask is not barrier,
Smile !!!!!!!!!!!!!!!
It will reflect in your eyes.-
संक्रांति काल में सूर्य किसी भी राशि में प्रवेश करे पर उसके स्वभाव और तेज में कोई परिवर्तन नहीं होता। इसी तरह हम भी जीवन के किसी भी मोड़ पर हों ईश्वर से यही प्रार्थना है कि हमारे मूल स्वभाव और जीवन मूल्यों में कोई बदलाव ना आए।
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सूर्योदय होते ही जिस तरह से कोहरा और अंधकार मिट जाते हैं उसी तरह से स्वाभिमान के ताप से अपेक्षाओं की धुंध छंटते ही उपेक्षा का भाव स्वत: ही नष्ट हो जाता है।
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व्यस्त रहने से अन्य कार्यों के लिए समय भी मिलता है और कार्य क्षमता भी बढ़ती है।
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रंग
भी उसके
तूलिका
भी उसकी
प्रकृति के
कैनवास पर
प्रकृति की चित्रकारी।-
हम ना तो बाहर के के नज़ारे बदल सकते हैं
ना किसी की नजरें
जो बदला जा सकता है
वो है हमारा स्वयं का नज़रिया।-