और फिर सवाल एक तरफा ही पूछे गए ।।
क्युकी सच बेखौफ बिना सबूत के अकेला खड़ा था ,
और जूठ साथी के साथ भी गभराया हुआ दिख रहा था ,
सच पर सवाल और जूठ की तरह दारी जीत गई।।
-
जो सचमे बदलाव लाना चाहते है
वो तो आज भी गुम नाम फिर रहे है,
और जिस को एक सोच की जरूर थी
वो आज आइडल बनके गुम रहे है।।
दिखाया उसे जा रहा है जो सब के
सामने छाए हुए है,
सायद बदलाव के लिए मशहूर होना जरूरी है,
या मशहूर हो कर ही बदलाव लाए जाते है।।-
अगर सूरज तपना छोड़ देगा तो ,
धरती चलेगी कैसे ,
अगर नदिया बहना छोड़ देगी तो
प्रकृति चलेगी कैसे,
अगर अच्छाई अच्छा करना छोड़ देगी तो ,
बुराई मिटेगी कैसे,
अगर सुबह जलना छोड़ देगी तो ,
रात आएगी कैसे,
"सबकी अपनी अपनी फितरत है ,
सब की अपनी अपनी अहमियत है" ,
"सब की अपनी अपनी जिम्मेदारी है
जिंदगी जिनेकी वजह है बेवजह की
जिंदगी जिंदगी नही कहलाएगी",
अगर सूरज तपना छोड़ दे
तो वो सूरज नहीं कहलाएगा ,
अगर नदिया बहना छोड़ दे
तो वो नदिया नही रहेगी,
अगर अच्छाई अच्छा करना छोड़ दे तो
वो क्याही कहलाएगी,
अगर सुबह जलना छोड़ दे तो वो
सुबह कैसे कहलाएगी,
कुछ खुद को जलते है दुसरो की खुशी देख के
कुछ खुद जलते है दुसरो की खुशी के लिए।।-
ये तीन रंग ही ऐसे है
आंखो में बस ही जाते है ,
तो क्या हुआ अगर हार जायेंगे
फिर भी तेरी जीत के लिए फिर से दौड़ लगाएंगे ,
तो क्या हुआ होगी हजार चुनौतियां
फिर भी हम उससे लड़ कर आयेंगे ,
तो क्या हुआ थोड़े कच्चे है हम ,
तेरे लिए पक्के इरादे लेके आयेंगे ,
किसी की नजर में चाहे जो भी हो हम
हमारी नजर लहराता ही रहेगा तिरंगा,
किसी सोच में चाहे जो भी हो आज हम ,
हमारी सोच में सब से ऊपर रहेगा तिरंगा,
अपना खून न दे पाएंगे तो अपनी सोच दे देंगे,
कमी होगी जो किस्मत में तो अपनी बात दे देंगे,
शिखर तक न पोहोंच पाए तो अपना जुनून दे देंगे,
लेकिन जिंदगी हमारी यूं खाली नहीं जाने देंगे ,
जिस भूमि में जन्मे है उस भूमि को थोड़ी सान तो देके जायेंगे।।-
किसी की सिस्थ ही बताती है की
वो कहा काम कर रही है ,
क्या बदलाव या कितनी जिंदगी सवार रही है,
वरना मुनाफा कमाना तो हर किसी की
नियत होती है।।-
निर्दोष की बलि लोगे तो माफी भी मिल जायेगी,
लेकिन निर्दोष को परेशान करोगे तो
कृष्ण नही प्रकृति भी तुम्हार नास (त्याग) करने की सम्मति देगी।।-
भारष्टा चार के खिलाफ आवाज तो उठाई नही जाति
ऐसे लोग जो लोगो के लिए खड़े होते है
उसपे सवाल उठाते है।।-
कहने से पहले तो मजाक बना देते हो
बात करने से पहले तो सुना देते हो
फिर कहते है वही लोग
इतनी खामोश क्यों रहती हो।।-
होगी उसकी परवरिश में ये बात की
किसी को समझे बिना बनादो उसका मजाक
हम तो मिले है संस्कार की गलत हो तो जवाब दो
लेकिन किसी का गलत ना सोचो।।-
यहां 25 साल के लाखो युवा बेरोजगार बैठे है
और बात निवृत लोगों को रोजगार देने हो रही है,
रोजगार में 32 साल तक की रीत बनाई है,
और जो जिंदगी बनाके बैठे है उसे
एक और अवसर दिया जा रहा है
जो संघर्ष में है उसे सबर करने को बोला जा रहा है,
पता नही नियम सिर्फ 25 साल के लिए बनना चाहते है,
या उमर के कोई नियम नहीं ये दिखाया जा रहा है।।-