जब से जाना कि मोहब्बत है तुमसे
जाने गुमान की कौन सी बीमारी आ गई
जो कहते थे कि बहुत चाहते हैं तुमको
हमने इकरार क्या किया कि उन्हें भी मक्कारी आ गई-
I feel a little bit lighter after putting the emotions on... read more
बस सहे जाते हैं
कहां किसी को कुछ बता पाते हैं
कुछ ख़ास ही होते हैं जिन्हें कहे जाते हैं
रोया नहीं जाता हर एक के आगे
कोई ही होता है जिसके आगे आंसू बहे जाते हैं
दुख गिने नहीं जाते बस सहे जाते हैं
कुछ ख़ास ही होते हैं जिन्हें कहे जाते हैं
-
अजब कश्मकश है मन हैरान
क्या देख रहे हैं ये खड़े खड़े...
देख समय का चक्र कहें क्या
रहने लगे कुछ डरे डरे...
ना बच्चे अब बच्चे रहे
बुजुर्ग भी अब नहीं रहे बड़े..
दोनों पीढ़ियों के बीच में हम
कैसी मुश्किल में फंसे पड़े...
छोटे बड़े व्यस्त हैं सब
सोशल मीडिया फोन के चक्कर में
बच्चों की जिम्मेदारियों बड़ों की सेवा
बस इन्हीं सबमें हम घिरे पड़े...
बुजुर्गों के पास भी ना वक्त न लाड है अब देने को
हम मझधार में उलझे हैं ना छोटे रहे ना बन पाए बड़े-
वो पागल कहलाते हैं
एकतरफा होता है प्यार भी अक्सर
करके अपना ही दिल दुखाते हैं...-
कुछ कहना हो....
बोलकर... लिखकर...
बस कह देना...
हाथ से वक्त फिसल जाएगा
जाने कब कोई रिश्ता निकल जाएगा,
मन में है ना...बस कह देना...-
कहीं शब्द मार देते हैं
कहीं खामोशियां जान लेती हैं
आसान कहां कि सबको मिल ही जाए
ये मोहब्बत बड़े इम्तिहान लेती है-
जाने किसकी खोज में हैं
जो क़रीब है उससे अनजान हैं
एक पल का पता नहीं...
फिर भी जाने किस बात का गुमान है
अपनो के लिए ही वक्त नहीं
उनके दर्द की फ़िक्र नहीं...
भावनाशून्य होके फिर भी कहते हम इंसान हैं-
सबके चेहरों पे
सच्ची मुस्कान रहे...
दिल ना दुखे किसी का मेरी वजह से
जब तक तन में प्राण रहे-