चिड़ा चिड़ा कर करदेता है दिमाग़ की मलाई,
जो हर वक्त करता रहता है मुझे लड़ाई,
मुझे तकलीफ में देख सब से पहले वो ही आये,
परवाह कर के कभी जताता नही ओर सताएं,
चट्टान बनके जो हमेशा आगे खड़ा हो जाए,
तुझे तहे दिल से शुक्रिया मेरे भाई।-
एक रंग प्यार का,
एक रंग इंतजार का,
एक रंग अनकही बातों का,
एक रंग अनकहे सपनों का,
एक रंग उन वादों का,
एक रंग उन यादों का,
हर रंग की अपनी कहानी है,
किसी के लिए परेशानी तो
तो किसी के लिए निशानी है।
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आंखो से।
पहले आंखो से आंखे मिली।
फिर आंखो में बात हुई।
आंखो में इकरार हुआ।
आंखो में टकरार भी हुई।
आंखो से मनाया तो।
आंखो में इबादत हुई।
आंखो से बेबसिया छाई।
आंखो में नफरतें बढ़ी।
और धीरे धीरे दूरी में नजदीक हुई।
सच कहे तो हमारी मोहब्ब्त तो
आंखो से शुरू हुई। और
आंखो में खत्म हुई।-
कुछ लोग हमारी ज़िंदगी में temporary आते है।
और permanent बनकर चले जाते हैं।।-
कितने दिन बीत गए।
कितने अश्क निकल गए।
जहां कभी मिला करते थे वो नज़ारे भी बदल गए।
तेरे मुझ से किए हुए वादे भी मिट गए।
तेरे ऐसे चले जाने से, अब तो ये ज़िंदगी जीने के
मायने ही बदल गए।
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इतनी तलब थी मोहब्बत की हमे के,
जब मिली तो पता चला की वो तो बस मतलब से थी।।-
हर दर्द का एक राज़ होता है,
जिस के साथ बांटा जाये वही ख़ास होता है।-
कुछ परेशानिया थी कुछ मजबूरिया थी,
मेरे आगे बोहत सी जिम्मेदारिया थी,
एक सपना भी धुंधला सा हो रहा था मगर
दिल में फिर भी उम्मीदे जगी थी,
जैसे अरसा हो गया यूँह भटकते भटकते,
खुदको लेकर खुदसे कहीं रंजिशयाभी हुई थी,
मुकदर ने रुख़बदला ऐसा की फिर एक रोज़ मुराद कुबूल हुई थी,
मकान से मेरे आशियाना बनाने के सफर की शुरुआत हुई थी,
साल बदला, हालत बदले,
सब के साथ मानो ज़िन्दगी को
अलग ढंग से जीने की एक नए शुरआत फिर हुई थी।-
એમ હતું અમને કે, એમને પણ કંઇ હતું,
એમ હતું અમને કે, એમને પણ કંઇ હતું,
પણ સમજતા સમજતા સમજાયું,
પણ સમજતા સમજતા સમજાયું,
કે જે અમને હતું, એ એમને ના હતું,
કે જે અમને હતું, એ એમને ના હતું.-