नये साल की भोर के साथ आशाओं किरणें जागें ।
घड़ी बदले वक्त लोग दिल अपना थामें ।
नई उमंगे नई सोच के साथ खुशियों की सौगाते बांटें ।
बुराइयों को छोड़ अच्छाइयों के साथ आओ करें नये वादे ।
मीनाक्षी मुसाफ़िर...
आप सभी को आंग्ल नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।-
ना तलाश कर तू खुश रहने के बहाने,
क्या जाने कब विरान हो ... read more
नव मंगल नववर्ष संग
नई उमंगे, नए विचार हों
खुली फिजाएं महकी हवाएं
फिर से खुशियों भरे उल्लास हों
भुलाए पुराने अंधेरे
निखरे नए उजाले हों
सब स्वस्थ हों, सतर्क हों
प्यारी खुशियों की सौगात हों
बड़ों का आशीर्वाद हो
नए साल पर नए रास्तों पर
अब ना कोई डगमग बात हो
सबकी जिंदगी में हर दिन नव निर्माण हो
नव मंगल नववर्ष संग
नई उमंगे नये विचार हों
मीनाक्षी मुसाफ़िर...-
मिटा अंधेरे को रोशनी से,
किसी का जीवन संवार दो ।
संग दीपावली के रोशन दियों में,
आशा-उम्मीद-प्यार-साथ-विश्वास दो ।।
मीनाक्षी मुसाफ़िर-
पराई स्त्री का कर हरण,
मैं-हर युग में पछताता हूं ।
अपने अंदर की बुराई अहंकार,
मिटा सबको राम बनाता हूं।
हर साल जलता हूं,
नहीं भीड़ देख डरता हूं।
राम के हाथों से लेकर मोक्ष,
सबका दशहरा पर्व मनवाता हूं।
मीनाक्षी मुसाफ़िर
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बुजुर्गों की नसीहत कड़वी सही,
पर वाणी मीठी होती है।
जिन्हें मिल जाए इनका आशीष,
उन्हीं की जिंदगानी सुहानी होती है।।
मीनाक्षी मुसाफिर...
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बचपन मेरा दौड़े जाए और गीत आजादी के गाए,
आज का खुशनसीब दिन है शहीदों की मेहरबानी।
हर घर तिरंगा फहरा रहें प्यारे हिंदुस्तानी,
जय हिंद जय भारत के नारे जोर जोर से लगाऊँ ।
हाथों में लेकर तिरंगा गीत राष्ट्र के गाऊँ।।
नाचू गाऊँ झूम झूम कर आजादी का जश्न मनाऊँ ।
हाथों में लेकर तिरंगा गीत राष्ट्र के गाऊँ।।
मीनाक्षी मुसाफ़िर...
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 😊🙏🏻-
रूठे जो हैं उन्हें मनाऊँ कैसे
भूल जो गई दिन उसे दोहराऊँ कैसे
किया होगा मुझे हर पल याद
उस पल में वापस आऊँ कैसे
अब इस उम्र और हालातों के किस्से
उन्हें सुनाऊँ भी तो कैसे
उनका नाम ले लेकर हो रहीं बातें
वह सब अब उन्हें बताऊँ कैसे
भूल जो गई उनका जन्मदिन
अब उस दिन को सजाऊँ कैसे।
मीनाक्षी मुसाफ़िर-
कुछ मोहब्बतें,
सिर्फ मोहब्बत ही मांगती हैं ।
उन पर कर दो कुछ भी न्योछावर,
लेकिन वो सिर्फ साथ मांगती हैं ।
मोहब्बत में होता नहीं कुछ भी बेकार,
क्योंकि वो सिर्फ चाहत मांगती हैं ।
मोहब्बत में नहीं कोई हिसाब,
क्योंकि वो सिर्फ मोहब्बत मांगती हैं ।
कुछ मोहब्बतें,
सिर्फ मोहब्बत ही मांगती हैं ।
मीनाक्षी मुसाफ़िर..-
कुछ मोहब्बतें.
सिर्फ
मोहब्बत ही मांगती हैं..
मीनाक्षी मुसाफ़िर-
पहली किलकारी ने
दस्तक दी खुशियों की
वो रोई हम हंसे
भीगे नयन भारी मन
उल्लास खुशी संग
साक्षात हुए दर्शन
उस शक्ति के
जिसके तेज से
आंखें मेरी चौंधाई
है बहुत संकट जीवन में
जिसे दूर करने माता रानी
स्वयं हैं आई
जाग उठे भाग्य किस्मत चमकी
भगवती की हम पर रहमत बरसी
कन्या रूप हर घर में पूजी जायेगी
इसी से होगी रौनक तीज त्योहारों की
घर आंगन में छम-छम चल
खिल- खिलायेगी
सारी तकलीफ़ मुस्कान में बदल जाएगी ।
मीनाक्षी मुसाफ़िर-