कहानी कुछ इस तरह रही है
अधूरा हर किस्सा रहा है
और मजबूरी हर कदम पे साथ रही हैं...-
Do one thing everyday that scares you most...
मेरी हर बात में
तेरा जिक्र जारी है
तु अब भी मुझमें कहीं बाकी हैं...
जाना मैंने रास्ते अलग हमारे
फिर भी तुम्हारी तरफ
मेरा सफर जारी हैं
तु अब भी मुझमें कहीं बाकी हैं...
इक लम्हा दूर याद तुम्हारी
अगले पल मेरे सिरहाने हाजिर हैं
तु अब भी मुझमें कहीं बाकी हैं...-
मौनांशी मौन राहतो ,वैऱ्यांशी वैर राहतो
कोण येईल आता पुढ्यात माझ्या?
बोलक्या नजरेस ही स्थिर करतो
कोण नजर लावतो आता नजरेस माझ्या?
नका शोधू पुरावे सुडाचे माझ्या
अर्थ सारे इथे गाढलेत मी कवितेत माझ्या...
-
अब करे भी तो किस किस से
समझौता करें हम
पता नही अब किस के हिस्से में
कौन सा किस्सा आया हैं...-
बचपन था ,वक्त था
सपने थे ,
हर मंजर हासिल था,
हर मुश्किल आसान थी.
खुशियां थी, प्यार था
नींद थी, सुकून था,
ख्वाहिशें थी , उम्मीदें थी.
जिद थी, हौंसले थे,
चाह थी,
हर सपना सुनहरा था,
हर आंसू की कीमत थी.
-
किती देऊ पुरावे प्रेमाचे
व्यक्त करतो मी
सांज वेळी आठवण तिची
अशीच स्मरितो मी...-
'' जीने की राह में मरने चला था ''
'' नहिं था कोई अपना फिर भी ''
'' सबको अपना केह रहा था ''-