आख़िरी मुलाक़ात होगी ये मैंने सोचा ना था,
वो ख़ुश था, इसीलिए मैंने उसको रोका ना था।-
(महकूम अली) محکوم علی
(महकूम)
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✍🏻Voice of Mahkoom's heart❤
◦•●◉✿Alhamdulillah For Everything✿◉●•◦
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Joined 26 March 2019
5 MAY AT 19:36
30 APR AT 1:20
मोहब्बत कर के देखी, किया ऐतबार हमने भी,
और मिला कुछ नहीं, खोया बेशुमार हमने भी।-
26 NOV 2024 AT 14:36
पढ़ लिखकर बड़ा हो जा,
अपने पैरों पे खड़ा हो जा।
दुनिया देखे तुझे सर उठाकर
ऐसी मंज़िल पे खड़ा हो जा।-
16 NOV 2024 AT 23:31
ये रात जब भी आती है,
औरों के लिए नींद, मेरे लिए यादें लाती है।-
13 NOV 2024 AT 8:15
ये कैसी मोहब्बत, ये कैसा दस्तूर है,
दिल तोड़ने वाले मेरा क्या क़सूर है।-
8 OCT 2024 AT 0:31
ख़ुशी के रास्ते में ग़म के पत्थर भी मिलेंगे,
सब्र करना, मख़मल के बिस्तर भी मिलेंगे।-
7 OCT 2024 AT 1:07
दूरियाँ यूँ लगातार बढ़ती गई,
मैं वहीं खड़ा, वो आगे बढ़ती गई।-
7 OCT 2024 AT 1:00
धोखा दिया तुमने
तो खा लिया हमने,
अब होशियार रहना है
ये सबक तुमसे पा लिया हमने।-