उसके बेरुखी के बोझ को इस तरह ढोया है
कभी रोई है आँखे, कभी हर कोना दिल का रोया है।-
merikavitay
(Suman Kushwaha)
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Joined 9 March 2022
2 HOURS AGO
22 MAY AT 19:14
वक़्त बीत जाने पर किया गया पछतावा
और भूख मिट जाने पर दिया गया छप्पन प्रकार का भोजन,
दोनों का कोई महत्व नही होता...!-
18 MAY AT 19:44
पंछी सा किरदार हो रहा है आजकल लोगो का
ठहराव उन्हें पिंजरे सा लगता हैं...।-
12 MAY AT 19:13
जब ऊब जातें है दुनियाँ के सारे game खेल कर
फिर लोग, दिल मे बस कर जज्बातों से खेला करते है..-
2 MAY AT 20:38
प्यार और इंतज़ार क्या होता है तुम क्या जानो
तुम तो जहाँ गए वही नया यार बना लिए।-
28 APR AT 19:07
रोते रोते देखो मुस्कुरा रहे हैं
हाल दिल का हम दिल से ही छुपा रहे है
तु अगर है खुश गैरो के साथ तो रह..
हम भी तुझे उसके साथ देखने के लिए हिम्मत जुटा रहे है।-