संभलता नही ये दिल मुझसे ,हाय ये कैसी मजबूरी है
जरूरत नही जिनको मेरी, वो क्यु मेरे लिए जरूरी है।-
अब उस दौड़ से गुजर रही है जिंदगी
जहाँ दोस्त और उनकी दोस्ती सिर्फ यादों मे बसा करते है।-
खुद को हौसला देते देते, निरास हो जाती हूँ
हँसते हँसते जाने क्यु उदास हो जाती हूँ
मन मे हज़ारों बातें चलती है मगर
कहते कहते फिर बेअवाज हो जाती हूँ।-
वफा...
एक शब्द नही,
ज़िम्मेदारी है
एक साफ और निश्छल दिल की निसानी है,
एक पवित्र भाव है
घने वृक्ष की छाव है
हिमालय सा अडिग,
नदियों सी निर्मल,
समुद्र सा गहरा
और झीलों सा ठहरा इसका स्वभाव है।-
हर रोज एक नयी सुबह होती है, शाम ढलते है..
आँखों मे अनगिनत ख्वाब पलते है..
समेटते है खुद को बिखरे पत्तों की तरह,
फिर,फूलों की तरह टूट कर हर रोज बिखरते है।-
हर रोज एक नयी सुबह होती है, शाम ढलते है..
आँखों मे अनगिनत ख्वाब पलते है..
समेटते है खुद को बिखरे पत्तों की तरह,
फिर,फूलों की तरह टूट कर हर रोज बिखरते है।-
उसके बेरुखी के बोझ को इस तरह ढोया है
कभी रोई है आँखे, कभी हर कोना दिल का रोया है।-