प्रतीक्षा का विष और कितना पियेंगे
बिना प्राण के देह कैसे जियेंगे— % &-
मेरी प्रतीक्षा
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हँस के फ़रमाते हैं वो देख के हालत मेरी
क्या तुम आसान समझते थे मोहब्बत मेरी
क्या तुम आसान समझते थे मोहब्बत मेरी
Joined 27 February 2020
15 FEB 2022 AT 23:02
17 DEC 2021 AT 8:10
तुझसे अच्छा तो तेरा ख्याल है
ना आने से डरता है
ना जाने की जिद करता है-
16 DEC 2021 AT 11:06
यारों एक बात बताओ
ज़िंदगी ख़्वाब क्यूँ दिखाती है
......
सोचता हूँ कि उस की याद आख़िर
अब किसे रात भर जगाती है
...
क्या सितम है कि अब तिरी सूरत
ग़ौर करने पे याद आती है-
16 DEC 2021 AT 11:00
हालत-ए-हाल के सबब हालत-ए-हाल ही गई
शौक़ में कुछ नहीं गया , शौक़ की ज़िंदगी गई
...............
बाद भी तेरे जान-ए-जाँ दिल में रहा अजब समाँ
याद रही तिरी यहाँ , फिर तिरी याद भी गई ||-
29 JUN 2021 AT 22:21
तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया
इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया
-
6 JUN 2021 AT 7:40
काश तुम मेरे होते ...
मेरी सांसे रुक जाती,
अगर यह लफ्ज़ तेरे होते 😉-
4 MAY 2021 AT 16:48
दिल की यह हसरत थी
कि तुझे देखेंगे ख्वाबों में
ना नींद आई , ना तुम
गुजर की रात तेरी यादों में ।।-