मेरी कलम से... आनन्द कुमार   (मेरी कलम से… आनन्द कुमार)
25.0k Followers · 305.8k Following

शब्दों से कुछ-कुछ कह लेता हूं...
Joined 10 April 2018


शब्दों से कुछ-कुछ कह लेता हूं...
Joined 10 April 2018

जिस राजनैतिक दल के नेता को जिस
जाति से नफ़रत है या वे उसे पसंद नहीं
करती तो उसे खुलकर बता देना चाहिए!
और साफ़-साफ़ उस जाति से कह देना
चाहिए की मुझे आपका वोट नहीं चाहिए!

लुका छिपी का खेल खेलने से अच्छा है
की सच बोलने का जिगर रखो!

-



कुछ लोग अपने जैसा ही,
दूसरे को क्यों समझ लेते हैं,
यह उनकी नादानी है या चालाकी,
या उनकी आवारगी,
बेशर्म और बेशर्मी के हद वाले,
किस क़दर कितना गिर जाएँगे,
जो खुद गिरे हैं वह क्या किसी को,
बेवजह गिराएँगे….

-



शायरी लिखूँ तो कविता बन जाती है,
कहानी कहूँ तो संगीत बन जाती है।
यह लफ़्ज़ों का फेर है या ज़ुल्फ़ों का सितम,
ग़ज़ल लिखूँ तो गीत बन जाती है…

-



प्रेम करना सरल हो सकता है, लेकिन प्रेम को समझना बहुत कठिन है!

-



अच्छा होना बुरा होने से कम नहीं है!
क्योंकि जो आपको आपके अंदर अच्छाई के रूप में दिखती है जरुरी नहीं की सामने वाले को वह पसंद हो!

-



आप अपने कर्तव्य व व्यवहार को अपने सास-ससुर के साथ जिस भी तरीक़े से निभा रही हैं और आप संतुष्ट हैं की आप जो कर रही हैं सही है! तो तैयार रहिए आपकी औलाद भी आपके साथ वही व्यवहार व कर्तव्य निभाने के लिए आतुर है! आप जो भी कर्तव्य निभाईं हैं आपकी बहू, आपका बेटा उसी तरीक़े का उससे बेस्ट आपके लिए करेगा!

-



लूट लो, भर लो, चाहे सहेज लो जितना,
ख़ाली हाथ आए हो, और ख़ाली हाथ जाओगे!
हो फुरसत तो थोड़ी निकाल लो, उनके लिए,
जिनके साथ तुम कभी कहकहे लगाए हो…

-



बातों को सोच समझकर ही नहीं, हमेशा खुद से खुद के लिए तौल कर अभिव्यक्त करें! यह सुकून देते हैं तो चुभते भी हैं!

-



अगर हम तुम्हारे लिए अच्छे नहीं हैं तो तुम अपने लिए मुझसे बेहतर ढूँढ लो!

-



नकारात्मक बातें करने के बाद “रेखा” ने राजनीति में सकारात्मक “रेखा” खींच अपने बड़प्पन का परिचय दिया है!
काश यह बदलाव सब में होता!

-


Fetching मेरी कलम से... आनन्द कुमार Quotes