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ये इश्क़ की खुशबू बे-मिसाल है..
मगर मियां..ज़रा संभल के,
ग़ुरूर से तो गुलाब भी हाथ नहीं आता..!!-
जब नींद आंखों पे छा जाए....
और मन सोना नहीं चाहे..
जब मौत सर पे चढ़ जाए,
और मन मरना नहीं चाहे..
तब जो मिले उसे तकलीफ़ कहते हैं!!
मन हमपे विजय पा रहा है या हम मन पे...
ये जानना अति आवश्यक है।-
साथ साथ घूमते हैं , हम दोनों रात भर¸
लोग मुझे आवारा , उसको चांद कहते हैं !!-
🌿-- या ये कहें --🌿
मैं नाराज़ नहीं होती कभी या,
उसे मुझे मनाने का तरीका पता है,
मैं हूं बड़ी समझदार या,
उसे मुझे सम्हालना आता है,
मैं हूं इतनी ख़ूब या,
ये उसकी निगाहों की खूबसूरती है,
मेरा प्रेम है इतना पावन या,
उसका मन इतना पूजनीय है!!
मेरे प्रेम का पलड़ा उसके प्रेम से हर बार भारी रहा है,
क्या उसका ये यकीन मेरे प्रेम से कहीं ऊपर नहीं...
अपार प्रेम करते हुए भी उसका ये मानना की
मेरा प्रेम उससे भी अधिक है....
ये मासूम निश्चल सा हृदय मेरे लिए पूजनीय है। ❤️🌸-
नहीं जरूरी जो खुश दिख रहा हो,
वो असल में खुश हो,
जो दूसरों को हसा रहा हो,
वो खुद भी खुश हो,
ख़ुद के जन्मदिन पर,
जिसके कोई हलचल नहीं,
दीपावली पर जिसकी कोई तस्वीर नहीं,
दिन बीत रहें हों जिसके खोए खोए से,
और रात जैसे हकीकत दोहराती हो,
एक वक्त का खाना छोड़ दे जो,
और मीलों पैदल ही सफर तय कर रहा हो,
कभी न कहता अपनी ये बातें किसी से,
ज़रूरी तो नहीं उसके मन में कोई बात ना हो,
समझ सको तो अहसास को समझो,
ज़रूरी तो नहीं गम को हर बार शब्दों ने कहा हो,
मन के दीपक को जलाए रखता है हर पल,
मगर जरूरी तो नहीं,
हर बार उसकी लौ में उतनी ही चमक हो,
हस रहा हो जो खिलखिला के तुम्हारे सामने,
मगर अंत में छुपी उस शांत मुस्कान को देखो,
दबे हुए से उसके अहसास को समझो,
क्योंकि नहीं जरूरी जो खुश दिख रहा हो,
वो असल में खुश हो..!!-