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एक बार हारी तो दूसरा प्रयास की
फिर छू ही ली तू मेरे निशान को...
मुश्किल से होता है एक बार भी
तू दो दो बार तय की इस चढ़ान को ...
धूप प्यास डर उमस सबसे लड़ी
फिर हरा ही दी तू पैरों के थकान को ...
आस्था है बहुत लोगों की राधे कृष्ण में
पर तेरे जितना कौन मानता है भगवान को ...-
तू मेरी हर बात माने , मै तेरी हर बात काट लूं
तू बोले थिएटर चलो , मैं जी भर तुझे डांट लूं
तू चुप रहकर मुंह फूलाए और नखरे दिखाए
फिर बोले ok वृंदावन , मै तुझे पीठ पर लाद लूं ....
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हे राधे कृष्ण मेरा भगवान आपसे मिलने गया है।
आप उनको सही सलामत रखना ... उनको वो
सब कुछ दे दीजियेगा जो जो वो मांगे आपसे , मेरे
हिस्से की भी खुशियां उनकी ही झोली में डाल
देना राधे कृष्ण .... सुन लेना श्री लाडली
जी उनकी आप ।-
यदि तुम मेरे हृदय में अपना स्थान देख पाओ.....
तो तुम चाहकर भी किसी और की तरफ देख नहीं पाओगी ..... !-
कल मेरा शहर बोलने लगेगा , इसकी रौनकें बढ़ जाएंगी , ये थोड़ा धीमा हो जाएगा , ये अपने बाहों को फैला देगा , यहां की हवाओं में एक खुशबू घुल जाएगी , बारिशें थम जाएंगी , पेड़ पौधे और ही ज्यादा हरे भरे हो जाएंगे , सब कुछ दिवाली के त्यौहार सा लगेगा पता है क्यों ............. क्योंकि मेरे प्रदेश में कल मेरी आराध्य मेरी प्रियतम मेरी भूत आ रही है ।
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हो सकता है लोगो को प्यार हो वृंदावन धाम से
पर मुझे तो बेहद प्यार है मिनी आपके नाम से ,
आपके दर्शन के आगे फीका है श्री का दीदार भी
भर जाती है झोली मेरी बस आपके जपनाम से ।-
मेरी ख्वाहिश है कि तेरे हाथों में मेरा हाथ हो
छूट जाए दुनियां सारी फिर भी तू मेरे साथ हो ,
गिले भी है तुझसे , है शिकायतें भी हजार
फिर भी जाने क्यों मुझे तुझसे ही है प्यार ,
अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे
हर ख्वाब में बुलाया है तुझे .....
क्यों न करे हम याद तुझको
जब नेचर ने हमारे लिए ही बनाया है तुझे ,-
वो खास इंसान हो तुम , जिसने मेरी दुनिया में मुस्कुराहटें ऐसे डाली जैसे कोई इंसान अंजुरी में पानी भरकर गंगा में स्नान करते हुए सूर्य को डालता है ....
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तेरे मेरे बीच खामोशियां भी वार्तालाप लगती है
तू तो मिलती नहीं , तेरी अक्स ही हाथ लगती है
खुली आंखों से आते हैं सपने और सपने में तुम
ये कैसा प्यार है जी अब तो दिन भी रात लगती है
पढ़ने को तो बहुत शायरों को पढ़ चुका हूं अब तक
पर मेरी हंसी तुम्हारे शब्दों की करामात लगती है
वैसे तो मैं हमेशा ही स्वस्थ रहता हूं पर तुम्हारा
" Vicky " कह देना हर दर्द से निजात लगती है
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