मेरी आप बीती   (⭐ अजनबी .. ❤️⭐)
116 Followers · 277 Following

read more
Joined 23 September 2023


read more
Joined 23 September 2023

एक मुलाकात ऐसी भी .....

तकरीबन दिन के 3 बज रहे होंगे ,
मुझे एक फोन आता है , वो कहती हैं कि
मेरी गाड़ी इस स्टेशन से रात को 8 बजे है
मै आपसे मिल नहीं पायी इसका
मुझे बड़ा दुख है , मैं उनसे कहता हूं
कि मैं यकीन के साथ तो नहीं
कह सकता पर हो सकता है मैं
आपसे मिलने स्टेशन आऊं ,
शाम होती है , मैं स्टेशन के लिए
निकल जाता हूं ,

-



काश कभी ऐसा हो ,
मैं और तुम एक साथ वृन्दावन में बैठे हों ,
और एक बरसानावासी आकर बोले ,
राधे तुम्हारी जोड़ी सलामत रखे .....

-



कुछ प्रेम ऐसे होते हैं जो मिलकर भी नहीं मिलते ,
और कुछ ऐसे जो कभी मिले ही नहीं फिर भी ,
सबसे ज्यादा सच्चे लगते हैं मैं शायद उसी ,
दूसरे प्रेम का हिस्सा बन गया हूं ।

-



कुछ सालों बाद मेरा एक उपन्यास आएगा ,
जिसमें हमारी जिंदगी का हिसाब आएगा ।
पढ़ोगे जब तो नैन भीगेंगे और मन भी रोएगा ,
कोई झुकेगा अपने स्वभाव से कोई लाश होकर सोएगा ।
मिलेगा पाठकों को मुन्तजिर प्रेम पीड़ा और वैराग्य भी ,
सुनाई देगी झुमके की छनक और रात का विलाप भी ।
जो भी पढ़ेगा उसके ख़्वाबों में हमारा किरदार आएगा ,
एक प्यारी लड़की आयेगी एक लड़का लाचार आयेगा ।

-



मैं जो लिखने जा रहा हूं कोई भी इसे अन्यथा न ले ––
मुझे कई दिनों से एक बात नहीं समझ आ रही है , कि जब कोई शादी होती है तो महिला को इतना सजाया क्यों जाता है । हल्दी मेंहदी कुमकुम जेवर कजरा गजरा और भी बहुत कुछ ऐसा क्यों? क्या इससे कोई संस्कृति या धर्म सुरक्षित रहता है या फिर महिला का व्यक्तित्व और चरित्र और भी निखर जाता है या फिर इसीलिए सजाया जाता है कि महिला सिर्फ काम – वासना की वस्तु है इसे भौतिक सुंदर दिखना ही चाहिए नहीं तो इसका पति ( खरीददार ) इससे खुश नहीं होगा न ही खुश रखेगा ।

-



मैंने पहली किताब पढ़ी थी " कलेक्टर शाहिबा " फिर पढ़ी " गुनाहों का देवता " इसमें पुरुष लेखक धर्मवीर भारती है जो एक महिला को सिर्फ और सिर्फ त्याग तथा समर्पण और चंदर के चरित्र को ऊंचा और बेदाग बनाए रहने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करते हुए दिखाया है , पर इन्हीं की पत्नी महिला लेखिका कांता भारती ने लिखा " रेत की मछ्ली "

-



संसार की सबसे खूबसूरत घटना है
एक नास्तिक लड़के का अपने प्रेम
को पाने के लिए वृंदावन बन जाना ...

-



मेरे जीवन में आपका महत्व वैसा ही है
जैसे एक बाती के जीवन में घी और दिए
का होता है .....

-



मैं अलाहाबाद के संगम तट की पौड़ियां बनना चाहता हूं , जिस पर तुम अपने उम्र के किसी भी पड़ाव में आकर उस पर बैठो और शांत पवित्र निश्छल गंगा की खूबसूरती को देखो , उसकी कलरव सुनो , वो तब और खूबसूरत लगती है जब सूरज अपनी लालिमा बिखेरता हुआ , उसी में अस्त होता है ।

-



सिरहाने की तरह आदत हो गई है उसकी
उसके बिना अब रातों को नींद नहीं आती ..

-


Fetching मेरी आप बीती Quotes