ये कितना गुस्सा करते हैं
दिल्ली की गर्मी वाली,
गरम हवा बन जाते हैं।
पति हमारे गुस्से में,
गरम तवा बन जाते हैं।
पति फूल दिलाकर लाते हैं,
गिफ्ट में पिल्ला देते हैं।
एक हमारे वाले हैं,
हर बात पे चिल्ला देते हैं।
जब गुस्से में आते हैं,
तब आंखे आग उगलती हैं।
इनके खातिर दुनियां में,
हर बात हमारी ग़लती है।
हम इतने सीधे सादे हैं,
हम कहां कभी कुछ करते हैं।
हर बात पे इनसे डरते हैं,
ये कितना गुस्सा करते हैं।
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