जरा गिर के तो देखो
कोई नहीं आएगा उठाने के लिए
पर जरा उड़ कर देखो
हर कोई आएगा गिराने के लिए-
छीन के खाने वाले का
कभी पेट भरता नहीं
और बांट कर खाने वाला
कभी भूखा मरता नहीं-
गिफ्ट देते समय हम कम हैसियत वालों को उनकी हैसियत के अनुसार गिफ्ट देते हैं पर लेते समय अपनी हैसियत के अनुसार उनसे गिफ्ट चाहते हैं।
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भीख और दहेज में ज्यादा अंतर नहीं है तब भी भीख दहेज से अच्छी है क्योंकि किसी का दिल दुखा कर डाका डालकर नहीं लिया जाता। हम स्वेच्छा से दान समझ कर देते हैं। पर दहेज मजबूरी में दिया जाता है एक के जीवन भर की कमाई दूसरे के 2 दिन काम नहीं आती।
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माना पैसा सब कुछ नहीं है
पर बहुत मायने रखता है
पैसा रिश्तो से बड़ा नहीं है
पर अनेक रिश्ते खरीद सकता है
पैसा नियति नहीं बदल सकता
पर लोगों की नियत बदल देता है-
पैसों की भूख भी कितनी अजीब होती है, किसी की ₹1 में मिट जाती है। किसी की करोड़ों में शांत नहीं होती।
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रिश्ते निभाने के लिए एक ही कारण बहुत है। ना निभाने के लिए हजार बहाने हैं।
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आओ एक घर बनाते हैं
वफा के फूलों से उस सजाते हैं
प्यार के मोती से बंदनवार बनाते हैं
जहां मैं रहू ना तुम हम हो जाते हैं
तारों से हो जहां खुशियां ज्यादा
ऐसा एक घर बनाते हैं।-
एक मां बाप तब गौरवान्वित होते हैं, जब लोग उनके बच्चों के नाम से उन्हें जानते हैं और उनकी कामयाबी और काबिलियत की चर्चा करते हुए उनकी दी परवरिश और संस्कारों को अच्छा बताते हैं।
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