कई किरदार ऒर कहानियाँ उलझा कर रखेंगी
सब्र करना जरुरी होगा पल पल नई चुनौतिया आएँगी
स्वीकार कर आगे बढ़ना होगा
उम्मीदों का बोझ सर पर होगा, कभी जिंदगी खुशनुमा तो कभी गमजादा होंगी, विनम्र रहना सीखना होगा
इश्क़ परवां पर होगा लेकिन ठहराव करना जरुरी होगा
सफलता चरम पर होंगी लेकिन कदम ज़मीन पर रखना होगा!!-
Mehul Vaishnav
(Mahi)
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जज्बातों के समन्दर में दुबकी लगाए बैठे है ठहरिये आप भी आइये साथ में थोडा लुत्फ़ उठाते है'
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Joined 15 September 2019
19 MAR AT 10:36
14 MAR AT 11:16
ये रंग भी खूबसूरत है तुम्हारी तरह
कितने इठला रहे है तुम्हे देखकर!!
वो ग़ुलाल मानो अबीर से सरपट दौड़ लगा रहा है
मेरे हाथो से कुछ यु फिसल रहा है तुम्हारे गालों तक पहुंचने मे
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12 MAR AT 16:51
बगावतो का शोर मच रहा है
ना जाने कब समंदर ठहरे और किनारो पर हमारा आसरा बन जाए!!-
12 MAR AT 8:59
बिखर जायेंगे वो जिन्होंने इस धीर पर्वत को छेड़ा है
एक बार आलिंगन तो कीजिये दफ़न जायेंगे वो जिन्होंने इस फूल को तोड़ा है-
11 MAR AT 19:44
मुरझाया हुआ गुलाब और वो फटे हुए कागज की पुरानी सी धूल भरी किताब
सालो बाद दरवाजे पर दस्तक देती हुई नायिका के हाथों में
वो लफ्ज़ कुछ भी ना कह सकी, उम्र के आखिरी पड़ाव में
नायक के नाम माफ़ी की कुछ पंक्तिया और अश्रुओ का अम्बार लिए
एक हाथ नायक की ओर बढ़ाते हुए चंद सांसे उसके नाम कर गयी!!!-