क्या लिखना कब लिखना
ये
मैं हूं जैसा वैसा दिखना
ये लिखते लिखते सीखा।
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आपने मुझे follow नहीं करना तो ना करो...पर मै... read more
मैं कभी कर ना सका,
रहा किराएदार ही
दिल में कर घर ना सका।
मुझे तोड़ने गिराने की
साज़िश चलती रही,
ना ही संभल
और कभी मैं बिखर ना सका।-
जो मिल जाए किसी की दुआ,
यूंही काट ली जिंदगी ये मैंने,
किसी का दिल भी ना छुआ।-
सब ख़तम हो गया ये सोच ना रखो।
कुछ बातों का चलो फ़िक्र भी रखलो,
पर ये बात की चिंता हर रोज़ ना रखो।-
चांद-सितारे, कोहिनूर
कदमों में रखदूंगा,
बातों में तो मैंने क्या क्या
कमाल कर दिया।
पर हकीकत में
दास्तान ये निकली,
कि तीन दिन के बुखार ने ही
मुझे निढ़ाल कर दिया।-
नाराज़गी में भी मोहब्बत कुछ ऐसे मिला डाली,
उन्होंने फीकी चाय चूम कर हमको पिला डाली।-
ਇਹ ਸਰਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਜੋ ਲੱਗਦੇ ਸੀ ਬਹੁਤ ਵੱਡੇ ਫ਼ਾਸਲੇ,
100-200 ਮੀਲ ਇਹਨਾਂ ਪੈਰਾਂ ਨਾਲ ਹੀ ਨਾਪਲੇ।
ਏਦ੍ਹਾ ਸੜਕ ਕੰਡੇ ਲੱਗਾ ਗਵਾਹ ਹਰ ਰੁੱਖ ਹੈ,
ਜੇ ਕਰੋਨਾ ਤੋਂ ਗਏ ਬੱਚ, ਸਾਨੂੰ ਮਾਰ ਲੈਣਾ ਭੁੱਖ ਹੈ,
ਹੁਣ ਕੀ ਕੀ ਮੈਂ ਲਿਖਾਂ, ਕਿਹਨੂੰ ਕਿੰਨਾ ਕਿੰਨਾ ਦੁੱਖ ਹੈ।-
हज़ारों बनदिशें है, दुश्मन जमाना है,
ऊपर से पहरे बेहिसाब लगाएं है,
आशिकों के मिलने मिलाने को तभी तो,
ख़ुदा ने ये ख़्वाब बनाएं हैं।-
वजूद जन्नत का भी है, तेरी बाहों में वो सकून मैं पाता हूं,
जब सामने तुम होती हो, तो ख़ुदा को भी भूल मैं जाता हूं।
Sketch art: Shades_by_dishu-
हाँ मैं खुश हूं, बहुत खुश हूं,
ये जानो तुम जाने सब ही।
पर तुम भी रो दोगे, मैंने चेहरे से,
चेहरा हटाया जब भी।
Sketch artist: Shades_by_Dishu-