ज़ात उसकी कभी मामुली या
अदना नहीं होती..
'माँ'...मस अलों का हल होती है...
'मसअला'..नहीं होती..!-
Mehfuz Shaikh
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Joined 14 September 2017
8 MAY 2022 AT 8:08
3 MAY 2022 AT 11:43
મોટા કરીને 'ખોળેથી' ખસતા કર્યો હવે ફરી...
તારો ખોળો ખુદવા ઓરા કર ને 'માં'..!-
6 DEC 2021 AT 15:17
'वसीयतें' लिखवा लेने से फर्क नही पड़ता..!
ये तो 'उडान' बताती हैं..
की 'आसमान' किसका हैं..!-
1 SEP 2021 AT 18:59
दुनिया क्या सोचेगी.??
अगर वहीं हम सोचेगे तो...
तकलीफ खुद को होगी...-
22 JUL 2021 AT 11:27
मे बात अपने 'हक़' की करता हुं..
ओर आपको लगता है मुझे तमीज नहीं है..!-
15 JUL 2021 AT 14:30
कितने 'पहलवान'पछाडे हे 'ख्वाईशो के'...
'ए जिंदगी'
तेरे 'इश्क' ने हमे 'सुलतान' बना दिया..!-