Mehfil E Razi ✔️   (mehfilerazi)
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Joined 27 May 2020


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Joined 27 May 2020
21 JUN AT 3:54

Ek khushhaal mohalla Aman aur chain se labrez tha.
Na koi upar tha na koi neeche, sab ka dil mein mohabbat gulzaar tha.

Achanak kisi ne aakar lagaayi jo ek chingari.
Tabse uss mohalle mein sirf nafrat hi shumaar tha.

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21 JUN AT 3:37

Kehte the wo ke taa'umr saath denge.
Aadhi raat mein wo karte the kisi aur se baatein.

Pakde jane pe dene lage wo safayi.
Maine nhi kiya tha kuchh bus diya tha unka reply.

Shayad unke liye thi yeh ek chhoti si baat.
Par unhein khyaal nhi ke pure jism mein mere lag gayi thi aag.

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28 APR AT 7:00

Subah ki kirno mein
tum mulayam gadee pe
pade rehte ho.

Aadhi raat mein
karte ho Shikayat rab se
ke tumhari kismat kharaab hai.

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27 APR AT 0:44

धड़कता था दिल किसी
ख़ास के लिए बड़े ज़ोर से!

नादान दिल मेरा
इस गलतफहमी में था
के हम उनके हैं!

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14 APR AT 1:32

क्या शिद्दत वाला प्यार
एक बार ही होता है?
अगर "हाँ"
तो फ़िर शादी के बाद वाला
क्या होता है...?

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26 MAR AT 6:40

किसी को प्यार ना मिला
तो कोई प्यार में होकर भी रो रहा है!

यक़ीन अब महंगे हो गए हैं
हर कोई धोखे बाज़ी में आगे बढ़ रहा है!

रिश्ते अब बस नाम के हैं
ना जायज़ ताल्लुक़ात में इज़ाफ़ा होने लगा है!

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25 MAR AT 0:22

एक बार फ़िर से वो सब हो रहा है!
पिछले साल की तरह यह साल भी गुज़र रहा है!

वायदे जो किए थे ख़ुद से
वो अब अब टूटने लगा है!

दिल अब लगता नहीं कहीं भी
सबकुछ अब नामुमकिन सा लगने लगा है!

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20 MAR AT 1:18

जब ज़ुबां पे उनके
नफ़रत के अल्फ़ाज़ थे!

मैं ग़म में कुछ कह ना सका
पर तुम भी तो ख़ामोश खड़े थे!

गुज़र गया वो वक़्त लेकिन
चोट दिल पे बड़े ज़ोर से लगे थे!

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17 MAR AT 7:46

जब किसी अपनो से हो दिल की बात!

सुना करे ख़ामोशी से मुझे वो हर बार!
जब भी हो ज़रूरत मुझे कर ले वो मुझसे बातें दो चार!

वो सिर्फ मेरा हो
चाहे हों मेरे खिलाफ़ उसका पूरा परिवार!

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17 MAR AT 7:39

रात के अंधेरे में बुझे हुए
दिए को एक बार फिर से
रौशन करने की!

आंसुओं से सने तकिए के
ग़ेलाफ को अपने मेहनत
की किरणों से सुखाने की!

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