Megha Rohila   (मेघा✍🏻)
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Joined 29 January 2018


Joined 29 January 2018
9 OCT 2024 AT 22:42

रोज़ मौत को गले लगाते है,

महज़ एक इत्तेफाक मुझे रोज़,

जीने की उम्मीद दे जाता है ।

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22 JUL 2024 AT 23:48

छोड़े है कुछ ख़्याल मैंने,
शायद अब ख़ुद के लिए समय नहीं ।

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7 JUN 2024 AT 1:17

अक्सर लड़की बियाह देने के बाद
लड़के वालों की जागीर बन जाती है

लड़की वालों का हक़ कुछ नहीं..बस,
हिस्से में कड़वा घूँट आता है

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31 MAR 2024 AT 23:19

मेरे ख़यालों की बात मत करना
ये बहुत ऊँचे है,

समय लगेगा थोड़ा उनको
ज़मीन तलक आने में।

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18 MAR 2024 AT 23:51

उलझे से हैं अब नये ख़यालों में
पुराने ख़यालों के लिए वक़्त कहाँ ,

ज़ाया लगता सोचना भी अब
ख़ुद के लिए अब वक़्त कहाँ ।

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17 NOV 2023 AT 23:31

रोशन रोशन ये जहां कर दूँ,
बिना इजाज़त कोई बात शुरू कर दूँ,

है कई हक़दार तुम्हारे,
एक हक़दार का किरदार मैं भी अदा कर दूँ ।

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31 AUG 2023 AT 0:36

क़ुबूल है इश्क़ उसका मुझे,

बस ये बात वो मेरी आँखो में पढ़ ले ।

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25 AUG 2023 AT 1:25

मिटा कर अपने अस्तित्व को
ज़िंदा ख़ुद को दफ़्न किया

ज़मीर मेरा अब बचा नहीं
ख़ुद को कुछ यूँ ख़त्म किया

मैंने ख़ुद की लाश देखी है
ख़ुद की बोली लगाकर… अपना अस्तित्व बेच दिया



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11 AUG 2023 AT 0:44

हमारी शख्सियत का अंदाज़ा,
तुम ये जान के लगा लो,
हम कभी उनके नही होते,
जो हर किसी के हो जाए।

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11 JUN 2023 AT 16:28

पिता ने जब पहली बार
साइकिल के डंडे पर बैठाया
तो बताया था
कि हैंडल कैसे पकड़ना है
जिससे ना कुचले ब्रेक की चुटकी में उँगलियाँ
और पाँव को पहिये से दूर रखना..,

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