उगते सूरज से हमारी खुशी का राज पूछने वालों....जरा ढलते हुए चांद से हमारा जलना तो पूछो -
उगते सूरज से हमारी खुशी का राज पूछने वालों....जरा ढलते हुए चांद से हमारा जलना तो पूछो
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एक ही रिश्ता निभा सकोगे तुम बस.... मोहब्बत में वफ़ा करना सबके बस की बात नही... -
एक ही रिश्ता निभा सकोगे तुम बस.... मोहब्बत में वफ़ा करना सबके बस की बात नही...
रास्ते इस कदर खो गये हैं कि मंजिलें अब दिखाई नहीं देती....अब तो नजरें भी सिर्फ एक चिराग को खोजती है -
रास्ते इस कदर खो गये हैं कि मंजिलें अब दिखाई नहीं देती....अब तो नजरें भी सिर्फ एक चिराग को खोजती है
उस शाम का मंजर है आज भी इन आंखों में जब बहाने से तूने इजहार किया था... आज फिर उस इश्क़ की जिद्द पर घर लौटते वक्त वही शाम लेते आना.. -
उस शाम का मंजर है आज भी इन आंखों में जब बहाने से तूने इजहार किया था... आज फिर उस इश्क़ की जिद्द पर घर लौटते वक्त वही शाम लेते आना..
सुकून से सोना है आज इन पलकों को मूंदकर... तेरी गोद का सिरहाना मिल जाए तो क्या बात होगी -
सुकून से सोना है आज इन पलकों को मूंदकर... तेरी गोद का सिरहाना मिल जाए तो क्या बात होगी
मोहब्बत का इल्म है हमें तभी तो हमें नींद नहीं आती.... और वो है कि कहते हैं हमें मोहब्बत तक करनी नहीं आती... -
मोहब्बत का इल्म है हमें तभी तो हमें नींद नहीं आती.... और वो है कि कहते हैं हमें मोहब्बत तक करनी नहीं आती...
काली रात से बचना आसान है क्योंकि दिन भी आएगा.... पर बचना तो हमें इस रोशनी से है....इसका क्या करें? -
काली रात से बचना आसान है क्योंकि दिन भी आएगा.... पर बचना तो हमें इस रोशनी से है....इसका क्या करें?
सितारा बनकर चमकना है तो ख्वाहिश पूरी करने के लिए टूटना भी होगा... -
सितारा बनकर चमकना है तो ख्वाहिश पूरी करने के लिए टूटना भी होगा...
दूसरों के मुकद्दर चुराए नहीं जाते ए हुस्न वालों... वरना महज़ आरजू ही काफी थी तुम्हें पाने के लिए.. -
दूसरों के मुकद्दर चुराए नहीं जाते ए हुस्न वालों... वरना महज़ आरजू ही काफी थी तुम्हें पाने के लिए..
तुम क्या शिकायत करते हो कि मोहब्बत करने वाले अब नहीं रहे जमाने में....तुम लाओ तो सही अपने ख्वाब मैं उन्हें अपनी सांसों की माला में पिरो दूंगी... फिर ना कह सकोगे तुम कि इश्क अब जिंदा नहीं रहा ...मैं खुद मर कर भी तुम्हें जीना सिखा दूंगी.. -
तुम क्या शिकायत करते हो कि मोहब्बत करने वाले अब नहीं रहे जमाने में....तुम लाओ तो सही अपने ख्वाब मैं उन्हें अपनी सांसों की माला में पिरो दूंगी... फिर ना कह सकोगे तुम कि इश्क अब जिंदा नहीं रहा ...मैं खुद मर कर भी तुम्हें जीना सिखा दूंगी..